जम्मू। केंद्र शासित लद्दाख राज्य के जिला करगिल और द्रास में शुक्रवार को प्रशासन ने 145 दिन बाद मोबाइल इंटरनेट सेवा को बहाल कर दिया है। लेह में यह सेवा पहले ही बहाल की जा चुकी है।
पुनर्गठन अधिनियम लागू होने के बाद जम्मू-कश्मीर को 31 अक्तूबर को दो केंद्र शासित राज्यों जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में विभाजित कर दिया गया। लद्दाख के करगिल में पुनर्गठन के मुद्दे पर कुछ तत्वों द्वारा हिंसा भड़काए जाने की साजिश को देखते हुए प्रशासन ने यहां मोबाइल इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी थी। हालांकि लद्दाख में इस दौरान ब्राडबैंड सेवा बहाल रखी गई थी। वहीं लेह की बात करें तो यहां करीब एक सप्ताह तक मोबाइल इंटरनेट बंद रहे। चूंकि लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाना यहां के लोगों की मांग रही है, प्रशासन ने यहां शांति को देखते हुए बाद में ये सेवा बहाल कर दी।
अधिकारियों ने बताया कि केंद्र शासित राज्य लद्दाख में स्थिति पूरी तरह शांत और सामान्य है। आम लोग अपनी सामान्य जिंदगी में पूरी तरह व्यस्त हो चुके हैं। वह शरारती तत्वों को पूरी तरह नाकाम बना रहे हैं। इसलिए सभी सुरक्षा एजेंसियों व प्रशासन द्वारा प्रदान किए गए फीडबैक व स्थानीय लोगों के आग्रह को देखते हुए ही आज जिला करगिल और द्रास में भी मोबाइल इंटरनेट सेवा को बहाल कर दिया गया। उन्होंने कहा कि आज पूरे लद्दाख में मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल हो चुकी है, कहीं कोई रोक नहीं है।
अलबत्ता जम्मू कश्मीर केंद्र शासित राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवा की बहाली पर संबधित अधिकारियों ने बताया कि इस सिलसिले में सुरक्षा एजेंसियों के साथ लगातार संवाद किया जा रहा है। जल्द ही जम्मू कश्मीर में भी मोबाइल इंटरनेट सेवा को चरणबद्ध तरीके से बहाल किया जा सकता है। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर राज्य में चार अगस्त की मध्यरात्रि को प्रशासन ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को लागू किए जाने के मद्देनजर सभी प्रकार की टेलीफोन व इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया था। जम्मू प्रांत में मोबाइल फोन सेवा को सिर्फ कालिंग की सुविधा के साथ बहाल किया गया। ब्राडबैंड पर इंटरनेट सेवा दी गई। कश्मीर प्रांत में मोबाइल फोन सेवा को कालिंग की सुविधा के साथ अक्तूबर माह के दौरान बहाल किया गया। वे भी सिर्फ पोस्टपेड पर। लैंडलाइन सेवा गत सितंबर माह में बहाल की गई।