सिडनी। ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग से हालात काफी गंभीर हो गए हैं। दक्षिणपूर्वी ऑस्ट्रेलिया के मल्लकूटा शहर में मंगलवार को स्थानीय लोगों और नए साल की छुट्टियां मनाने आए पर्यटकों को अपनी जान बचाने के लिए समुद्र की ओर भागना पड़ा। समुद्र के किनारे बसे मल्लकूटा के तट पर चार हजार लोग फंसे हैं। आग के कारण चारों ओर धुआं उठ रहा है। जिसकी वजह से अधिकारियों को राहत और बचाव कार्य में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारी कई दिनों से छुट्टियां मना रहे करीब 30 हजार पर्यटकों को इलाका खाली करने की चेतावनी दे रहे थे।
मल्लकूटा देश के उन सैकड़ों इलाकों में से एक है जो जंगलों में लगी आग की चपेट में हैं। विक्टोरिया प्रांत के आपात प्रबंधन आयुक्त एंड्यू क्रिस्प ने कहा, ‘हमारे पास मल्लकूटा में तीन दल हैं जो समुद्र तट पर चार हजार लोगों की देखरेख कर रहे हैं। हम उन लोगों को लेकर बहुत चिंतित हैं जो अलग-थलग हो गए हैं। अगर जरूरत पड़ी तो लोगों को समुद्र या हवाई मार्ग से बाहर निकाला जाएगा।’
ऑस्ट्रेलिया में इस आग से अब तक एक स्वयंसेवक अग्निशमन कर्मी समेत नौ लोगों की जान जा चुकी है। हजारों घर राख में तब्दील हो चुके हैं। सोशल मीडिया पर स्थानीय निवासियों ने कहा कि वे जीवनरक्षक जैकेट पहन रहे हैं ताकि आग से बचने की जरूरत पड़ने पर वे समुद्र में उतर सकें।
न्यू साउथ वेल्स प्रांत की ग्रामीण दमकल सेवा ने लोगों को आगाह किया, ‘आग मंगलवार सुबह से बहुत तेजी से फैल रही है। यह लोगों की जिंदगी पर गंभीर खतरा पैदा कर रही है। उसके रास्ते में नहीं आएं। जंगलों वाले इलाके से बचें। अगर रास्ता साफ है तो बड़े शहरों या समुद्र तटों की ओर जाएं।’ ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में कई महीनों से आग लगी है। गर्म हवाओं ने इस आग को और भड़का दिया है।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी हिस्से के जंगलों में लगी आग से हजारों कोआला के मारे जाने की आशंका है। कोआला पेड़ों पर रहने वाला नन्हे भालू सरीखा भूरे रंग का स्तनधारी होता है। यह ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में ही पाया जाता है। दुनिया भर से कोआला को बचाने के लिए आवाजें उठ रही हैं।