मुंबई। महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार के बाद शनिवार को आखिरकार विभागों का बंटवारा हो गया। सूत्रों के अनुसार, अजित पवार को वित्त मंत्रालय, अनिल देशमुख को गृह मंत्रालय, एकनाथ शिंदे को शहरी विकास, जयंत पाटिल को जल संसाधन व सिंचाई, अशोक चह्वाण को पीडब्लूडी मंत्रालय, बाला साहेब थोराट को राजस्व, आदित्य ठाकरे को पर्यावरण और पर्यटन मंत्रालय, छगन भुजबल को खाद्य और नागरिक आपूर्ति दिया गया।
नवाब मलिक को अल्पसंख्यक विकास, संजय राठौर को वन, अनिल परब को परिवहन और संसदीय कार्य कार्यमंत्री, संदीप पानेभूमरे को रोजगार, दादा भूसे को कृषि मंत्रालय, धनंजय मुंडे को सामाजिक विकास मंत्रालय दिया गया। दिलिप वाल्से पाटिल को आबकारी और श्रम, जितेंद्र अवहाद को आवास, राजेश तोपे को स्वास्थ्य, राजेंद्र शिंगने को खाद्य एवं औषधि प्रशासन, नितिन राउत को ऊर्जा, वर्षा गायकवाड़ को स्कूली शिक्षा मंत्रालय दिया गया।
यशोमति ठाकुर को महिला और बाल कल्याण, केसी पाडवी को आदिवासी विकास, सुनील केदार को डेयरी विकास व पशुसंवर्धन, विजय वड्डेटीवार को पिछड़ा कल्याण, असलम शेख को कपड़ा और बंदरगाह, अमित देशमुख को स्वास्थ्य, शिक्षा और संस्कृति, सुभाष देसाई को उद्योग, शंकरराव गडाख को जल संरक्षण, उदय सामंत को उच्च व तकनीकी शिक्षा, गुलाब राव पाटिल को जलापूर्ति मंत्रालय दिया गया।
महाराष्ट्र के मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पोर्टफोलियो वितरण से संबंधित अंतिम सूची राज्यपाल को भेज दी गई है। मुझे उम्मीद है कि वह जल्द ही इसे मंजूरी देंगे।
मंत्रियों के विभागों में बंटवारे में देरी को लेकर कई तरह की अटकलें गईं। कहा जा रहा है कि कुछ मलाईदार विभागों पर कांग्रेस के अडि़यल रवैये से देरी हुई। हालांकि, राकांपा के मुख्य प्रवक्ता और राज्य सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने शनिवार को कहा कि सरकार कुछ नए विभागों का गठन करने पर विचार कर रही है, इसके चलते ये देरी हो रही है। देरी के लिए और कोई दूसरी वजह नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सोमवार तक विभागों का बंटवारा हो जाएगा।
वहीं, राज्य सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता नितिन राउत ने कहा कि मंत्रियों के विभागों को लेकर तीनों दलों के नेताओं ने शुक्रवार को एक मसौदा तैयार किया था, जिसे मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजा गया है। उन्होंने शनिवार तक ही विभागों के बंटवारे की उम्मीद जताई थी।