साल 2020 में कुल 4 चंद्र ग्रहण और 2 सूर्य ग्रहण लगेंगे। चंद्र ग्रहण साल में लगने वाला सबसे पहला ग्रहण होगा। वैसे तो 11 जनवरी को चंद्र ग्रहण है, लेकिन इसकी शुरुआत 10 जनवरी की रात से ही हो जाएगी।
क्या है समय
10 जनवरी 2020 को लगने वाले चंद्र ग्रहण का समय
ग्रहण का समय– रात 10.37 से 11 जनवरी 2.42 तक
कहां दिखा जा सकता है- भारत, अफ्रीका, एशिया, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया
चंद्र ग्रहण के पीछे धार्मिक मान्यताएं
हिंदू धर्म में चंद्रग्रहण के पीछे राहु केतु होते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान देवताओं और दानवों के बीच अमृत पाने को लेकर युद्ध चल रहा था। अमृत को देवताओं को पिलाने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी नाम की सुंदर कन्या का रूप धारण किया और सभी में अमृत बराबर बराबर बांटने के लिए राजी कर लिया। जब मोहिनी का रूप लिए भगवान विष्णु अमृत को लेकर देवताओं के पास पहुंचे और उन्हें पिलाने लगे तो राहु नामक असुर भी देवताओं के बीच जाकर बैठ गया। जिससे अमृत उसे भी मिल जाए। जैसे ही वो अमृत पीकर हटा, भगवान सूर्य और चंद्रमा को इस बात की भनक हो गई कि वह असुर है और ये बात उन्होंने भगवान विष्णु को बता दी। विष्णु जी ने अपने सुदर्शन चक्र से उसकी गर्दन धड़ से अलग कर दी। क्योंकि वो अमृत पी चुका था इसीलिए वह मरा नहीं। उसका सिर और धड़ राहु और केतु नाम से जाना गया। ऐसी मान्यता है कि इसी घटना के कारण राहु केतु सूर्य और चंद्रमा को ग्रहण लगाते हैं।