नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और वामपंथी छात्र संगठनों ने एक दूसरे पर रविवार को लाठी से मारपीट करने और एक दूसरे पर पत्थर फेंकने का आरोप लगाया है। एक दूसरे पर हिसंक गतिविधि में शामिल होने का भी आरोप लगाया गया। दोनों ही गुटों की तरफ से बताया गया कि रविवार को हुए इस घटनाक्रम में एबीवीपी और वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े छात्र घायल ही गए हैं। कुछ छात्रों को एम्स व सफदरजंग अस्पताल भी ले जाया गया है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD) ने जेएनयू प्रशासन से रिपोर्ट मांगा है। HRD मंत्रालय ने लाठी-डंडों से लैस नकाबपोश युवकों और कैंपस की स्थिति के बारे में JNU रजिस्ट्रार से तत्काल रिपोर्ट मांगी है।सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक से जेएनयू के ताजा घटनाक्रम पर बातचीत की है। मारपीट के खिलाफ बड़ी संख्या में छात्र दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी नारेबाजी कर रहे हैं।दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने पुलिस को शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए हर संभव कदम उठाने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटना की निंदा की है और उपराज्यपाल से कहा कि वह दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के लिए पुलिस को निर्देश दें।योगेंद्र यादव ने पुलिस पर बदसलूकी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उनके साथ मारपीट की गई है। उन्हें यूनिवर्सिटी कैंपस में घुसने से रोक दिया। घायल छात्रों को एम्स में भर्ती करवाया गया है। मारपीट में एक महिला शिक्षक भी घायल हो गई हैं। दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने ट्वीट कर कहा कि JNU में गुंडागर्दी पर पुलिस खामोश क्यों?। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस इस मामले में कई कार्रवाई नहीं की।
बवाल के बाद जेएनयू कैंप में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। वहीं जेएनयू की तरफ जाने वाले सारे रास्ते बंद कर दिए गए हैं। वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेएनयू में हुई हिंसा पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि पुलिस को तुरंत हिंसा को रोकनी चाहिए और शांति बहाल करनी चाहिए।
जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष ने आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे ऊपर एबीवीपी (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने हमला किया। सिर और गंभीर रूप से छोटें आई हैं और खून निकला है। उनके साथ मौजूद छात्रों ने कहा कि उन्हें नजदीकी अस्पताल में उपचार के लिए ले जाया गया। दोनों गुटों के तरफ से दावा किया गया है कि इस घटना में कुछ शिक्षक भी घायल हुए हैं। आरोप है कि इस घटना में छात्र संघ के महासचिव सतीश चंद्र यादव को भी चोट आई है। छात्र संघ का आरोप है कि कई छात्र छात्रावास की फीस बढ़ोतरी के खिलाफ कैंपस में प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन एबीवीपी ने उन पर हमला कर दिया और पत्थर फेंके।
वहीं एबीवीपी के जेएनयू यूनिट के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने वामपंथी छात्र संगठनों और छात्र संघ पर आरोप लगाते हुए कहा कि रविवार के दिन मॉनसून सेमेस्टर के लिए उन छात्रों का पंजीकरण का आखिरी दिन था, जो दिसंबर महीने में परीक्षा नहीं दे पाए थे। साथ ही जनवरी से शुरू होने वाले विंटर सेमेस्टर के लिए भी 5 जनवरी तक छात्रों को पंजीकरण कराने की तिथि निर्धारित की गई थी। लेकिन दो से तीन दिनों से वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े कई छात्रों ने पंजीकरण को बाधित किया।
पंजीकरण जिस कार्यालय में ही रहा था, संचार व सूचना सेवा कार्यालय , उसकी इंटरनेट सेवा शनिवार रात को इनके द्वारा ठप कर दी गई। इसके कारण रविवार को पंजीकरण करने अंतिम दिन कोई पंजीकरण नहीं हो सका। रविवार को 3 बजे एबीवीपी से जुड़े छात्र प्रशासनिक भवन के पास स्थित स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर इकट्ठा हुए और कोशिश की की पंजीकरण की व्यवस्था को शुरू किया जा सके लेकिन इसके फौरन बाद वामपंथी छात्र संगठनों एक जुटे और हमारी ओर बड़े और हमला शुरू कर दिया।
छात्रों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा
दुर्गेश ने आरोप लगाते हुए कहा कि एबीवीपी से जुड़े सभी कार्यकर्ता पेरियार छात्रवास की तरफ अपने आप को सुरक्षित करने के पहुंचे लेकिन यहां पर लेफ्ट से जुड़े छात्रों ने एबीवीपी के छात्रों को दौड़ा दौड़ा कर पीटा और इन पर लेफ्ट ने पथराव भी किया।
दुर्गेश ने आरोप लगाते हुए दावा किया कि इस घटना में उनके संगठन से जुड़े कई छात्र घायल हो गए। जिन्हें एम्स ट्रामा सेंटर और सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि महिला और पुरूष सुरक्षा कर्मियों के साथ भी लेफ्ट के छात्रों ने मारपीट की है।
वहीं वामपंथी छात्र संगठनों ने आरोप लगाया है कि एबीवीपी ने कैंपस में तोड़फोड़ की है और उनके छात्रावास में घुसकर छात्रों को पीटा है। वहीं लेफ्ट ने सुरक्षा कर्मियों के साथ मारपीट से इन्कार किया है। वहीं महिला व पुरुष सुरक्षा कर्मियों ने आरोप लगाया है कि उनके साथ छात्रों ने खराब व्यवहार किया और मारपीट की, वह जब छात्रों को संभाल रहे थे रविवार को तब ऐसा किया गया।