नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में रविवार शाम जमकर तोड़फोड़ और मारपीट हुई है। नकाबपोश लोगों ने छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष को बुरी तरह से पीटा है। कैंपस में हुई तोड़फोड़ व मारपीट में एक प्रोफेसर भी बुरी तरह से घायल हुईं हैं, जिनका इलाज एम्स अस्पताल में चल रहा है। वहीं, अब जेएनयू में हुई मारपीट पर सियासी घमासान भी शुरू हो गया है। केंद्रीय मंत्री एस जयशंकर और निर्मला सीतारमण ने जेएनयू में हुई हिंसा की निंदा की है। ये दोनों केंद्रीय मंत्री जेएनयू के पूर्व छात्र रहे हैं।
जेएनयू छात्रों पर हुए हमले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि नकाबपोश द्वारा जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों पर किया गया यह क्रूर हमला है, जिसमें कई छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए हैं जो कि बेहद चौंकाने वाला है। सरकार को घेरते हुए राहुल ने आगे कहा कि सरकार हमारे बहादुर छात्रों की आवाज से डरती है। जेएनयू में आज की हिंसा उसी डर का प्रतिबिंब है।
इस घटना पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कि जेएनयू में हुई हिंसा को सुनकर मैं बहुत चकित हूं। छात्रों पर बेरहमी से हमला किया गया। पुलिस को तुरंत हिंसा रोकनी चाहिए और शांति बहाल करनी चाहिए। इसके साथ ही केजरवाल ने कैंपस में शांति बहाली के लिए उपराज्यपाल से भी बात की है।
जेएनयू की घटना पर पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये हम क्या देख रहे हैं ? ये बहुत ही चौंकाने वाला और भयानक है। नकाबपोश लोग जेएनयू हॉस्टल में प्रवेश करते हैं और छात्रों पर हमला कर देते हैं। दिल्ली पुलिस क्या कर रही है और कहां है दिल्ली पुलिस के कमिश्नर?
रविवार शाम जेएनयू में हुई मारपीट पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जिस जगह (जेएनयू) को मैं जानती हूं और याद करती हूं वह गंभीर बहस और विचारों के लिए थी, लेकिन वहां कभी भी हिंसा नहीं हुई। जेएनयू में हुई आज की घटनाओं की निंदा करती हूं। यह सरकार पिछले कुछ हफ्तों से जो भी कह रही है और वह चाहती है कि विश्वविद्यालय सभी छात्रों के लिए सुरक्षित स्थान हो।
जेएनयू में हुई मारपीट की तस्वीरों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सवाल करते कहा कि कैंपस में ये सब क्या हो रहा है। हिंसा की हम कठोर निंदा करते हैं। यह घटना पूरी तरह से विश्वविद्यालय की परंपरा और संस्कृति के खिलाफ है।
वहीं, इस घटना पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि जेएनयू में छात्रों और शिक्षकों के खिलाफ हुई बर्बरता की कड़ी निंदा करते हैं। ऐसे जघन्य कृत्यों का वर्णन करने के लिए हमारे पास पर्याप्त शब्द नहीं हैं। देश के लोकतंत्र पर शर्म आती है। इसके साथ ही ममता ने कहा कि दिनेश त्रिवेदी, सजदा अहमद, मानस भूनिया और विवेक गुप्त की अगुवाई में तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली जाएगा और जेएनयू और शाहीन बाग में छात्रों के विरोध प्रदर्शन में एकजुटता दिखाएगा।