हल्द्वानी| उत्तराखंड के 40 यात्रियों को लेकर दक्षिण भारत की धार्मिक यात्रा पर रवाना हुई एक बस रविवार सुबह सात बजे के करीब विशाखापट्नम से 60 किमी पहले हाइवे पर हादसे का शिकार हो गई। हादसे की वजह सामने से आ रही एक लोकल बस से टक्कर बताई जा रही है। टक्कर के तुरंत बाद बस में भीषण आग लग गई। शीशे तोड़कर यात्रियों को बाहर निकाला गया। गनीमत है कि सभी यात्री इस भयानक हादसे में सुरक्षित हैं। कुछ यात्रियों को मामूली चोटें आई हैं।
स्थानीय लोगों ने की तीर्थयात्रियों की मदद
तीर्थयात्रा में गए नैनीताल जिले के सतीश चंद्र जोशी ने फोन पर बातचीत में बताया कि 26 दिसम्बर को तिकोनिया स्थित सुखांचल टूर एंड ट्रेवल्स के माध्यम से 40 यात्री बस से दिक्षण भारत की यात्रा पर रवाना हुए थे। सुबह सात बजे विशाखापट्नम से 60 किमी पहले हाइवे पर वहां की लोकल बस से तीर्थयात्रियों के बस की टक्कर हो गई। हादसा इतना भीषण था कि बस में आग लग गई। नतीजा यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। आसपास के लोगों ने बस का शीशा तोड़कर तीर्थयात्रियाें को जैसे-तैसे निकाला। वहीं, घटना की सूचना परिजनों को मिलने पर वे भी परेशान हो गए। परिजन लगातार घरवालों के सम्पर्क में बने हुए हैं।
तीर्थयात्री ने कहा-लगा सामने मौत खड़ी है
तीर्थयात्रा में शामिल हल्द्वानी के तिकोनिया निवासी सतीश चंद्र जोशी ने फोन करने पर पहले तो बात करने से साफ इन्कार कर दिया। उनकी आवाज में घबराहट साफ झलक रही थी। काफी प्रयास के बाद वे बात करने पर राजी हुए। उन्होंने कहा कि हादसा इतना डरावना है कि अब भी उससे उबर नहीं पा रहा हूं। तीर्थयात्रियों में दहशत जैसा माहौल है। लगा सामने मौत खड़ी है। स्थानीय लोगों ने काफी मदद की। फिलहाल स्थानीय अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद सभी यात्रियों को डिस्चार्ज कर दिया गया है।
यात्रा में शामिल सभी तीर्थयात्रियों के सामान और कैश जलकर राख हो गए हैं। चूंकी तीर्थयात्रा पूरे एक माह की थी ऐसे में लोगों के पास कैश और सामान भी अधिक था। हादसे के दौरान तो तीर्थयात्रियों को सुरिक्षित बस से निकाल लिया गया, लेकिन सामान और बैग में रखे कैश नहीं निकाले जा सके। कारण कि आग ने तब तक पूरी बस को अपनी चपेट में ले लिया था। यात्रा में शामिल अधिकांश यात्री उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के नैनीताल जिले से हैं।
शुखयांचल टूर एंड ट्रेवेल्स एजेंसी का संचालक शिवांश हादसे की सूचना मिलते ही दक्षिण भारत के लिए रवाना हो गया है। फोन पर उसने बताया कि हादसे में सभी तीर्थयात्री सुरक्षित हैं। हालांकि उनके सामान और दस्तावेज जल गए हैं । चूंकी यात्रा एक माह की होती है ऐसे में लोग अधिक सामान और कैश अपने पास रखते हैं। इस कारण यात्रियों का हादसे में काफी नुकसान हुआ है। एजेंसी के संचालक शिवांश ने बताया कि 1992 से ट्रेवेल्स एजेंसी तीर्थयात्रा करा रही है। दिसंबर से ही दिक्षण भारत की एक माह की तीर्थयात्रा होती है। एजेंसी का काम पहले पिता देखते थे।