ढाका। बांग्लादेश के पहले हिंदू मुख्य न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार सिन्हा के खिलाफ गबन के आरोपों को लेकर गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। फिलहाल अमेरिका में रह रहे सिन्हा (68) को भ्रष्टाचार रोधी आयोग (एसीसी) ने आरोपपत्र में भगोड़ा घोषित किया है।
ढाका के सीनियर स्पेशल जज कोर्ट ने सिन्हा और 10 अन्य के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर संज्ञान लिया है। सरकारी वकील तापस कुमार पाल ने मीडिया से कहा, ‘वर्ष 2016 में चार करोड़ टका (करीब तीन करोड़ रुपये) का गबन करने और मनी लांड्रिंग के आरोप में सिन्हा और दस अन्य की गिरफ्तारी का आदेश दिया गया है। अन्य आरोपितों में फार्मर्स बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक और पूर्व वरिष्ठ अधिकारी हैं।
सीसी ने अपने आरोप पत्र में सभी को भगोड़ा घोषित किया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि सिन्हा और दस अन्य ने फार्मर्स बैंक से चार करोड़ टका का गबन किया। इस बैंक का नाम बाद में पद्मा बैंक लिमिटेड कर दिया गया।
सिन्हा जनवरी, 2015 से नवंबर, 2017 तक बांग्लादेश के 21वें मुख्य न्यायाधीश रहे। माना जाता है कि उन्होंने अमेरिका में शरण मांगी है। सरकार के साथ विवाद के बीच पद छोड़ने के लिए मजबूर किए जाने के बाद सिन्हा हाल में विमोचित अपनी आत्मकथा को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा में हैं। सिन्हा ने अपनी आत्मकथा ‘ए ब्रोकेन ड्रीम: रूल आफ लॉ, ह्यूमन राइट्स एंड डेमोक्रेसी’ में लिखा है कि उन्हें धमकियों के बाद 2017 में इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। इस पर प्रधानमंत्री शेख हसीना ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। हसीना ने आरोप लगाया था कि कुछ सरकार विरोधी अखबार सिन्हा का समर्थन कर रहे हैं।