बीजिंग। भारत के लिहाज से सामरिक महत्व वाले अरब सागर में चीन और पाकिस्तान की नौसेनाएं नौ दिवसीय अभ्यास कर रही हैं। दोनों देशों के इस छठे अभ्यास में पहली बार पनडुब्बियां भी शामिल की गई हैं। यह सैन्य अभ्यास चीन और पाकिस्तान अपनी सदाबहार सामरिक साझीदारी को मजबूत करने के लिए कर रहे हैं।अरब सागर सामरिक नजरिये से भारत के लिए काफी अहम है क्योंकि इसी क्षेत्र में कांडला, ओखा, मुंबई और कोच्चि जैसे प्रमुख बंदरगाह शहर हैं।
चीन और पाकिस्तान का यह सैन्य अभ्यास सोमवार से ग्वादर के समीप उत्तरी अरब सागर में शुरू हुआ है। पाकिस्तान के इस बंदरगाह को चीन विकसित कर रहा है। इस बंदरगाह को चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के जरिये चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ा जा रहा है।
14 जनवरी तक चलेगा सैन्य अभ्यास
भारत इस गलियारे का विरोध कर रहा है क्योंकि यह गुलाम कश्मीर से होकर गजरेगा। ग्वादर ईरान के चाबहार बंदरगाह के समीप स्थित है। इस ईरानी बंदरगाह को भारत विकसित कर रहा है। चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के अखबार ने बताया कि पाकिस्तान के कराची शहर के तट से शुरू हुआ सैन्य अभ्यास 14 जनवरी तक उत्तरी अरब सागर में चलेगा।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने विशेषषज्ञों के हवाले से बताया कि चीन और पाकिस्तान के बीच नौसैनिक अभ्यास में पहली बार पनडुब्बी रोधी और बचाव प्रशिक्षण को भी शामिल किया जा रहा है।
इस अभ्यास में चीन के गाइडेड मिसाइल विध्वंसक यिनचुआन, गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट युनचेंग और एक आपूर्ति पोत के साथ ही पनडुब्बी लियूगोंगदाओ शामिल की गई है। इसके अलावा दो हेलीकॉप्टर और 60 चीनी नौसैनिक भी हिस्सा ले रहे हैं। जबकि पाकिस्तान ने दो फ्रिगेट, दो मिसाइल बोट, एक पनडुब्बी रोधी विमान और विशेषष बलों के 60 सदस्य भी हिस्सा ले रहे हैं।