कन्नौज। छिबरामऊ में ट्रक से भिड़ंत के बाद लगी आग में बस के अंदर जिंदा जले यात्रियों को पूरे शव नहीं मिले हैं। फोरेंसिक टीम ने स्लीपर सीट पर मिले मानव अंग के नौ नमूने एकत्र किए हैं। ऐसे में अभी तक बस में मरने वालों की सही जानकारी नहीं हो सकी है। वहीं बस में सवार रहे एक ही परिवार के पांच लोग और एक अन्य युवती का पता नहीं चल रहा है। ट्रक के अंदर मिले कंकाल को देखकर मामा ने पैरों से चालक के रूप में पहचान की है।
बस हादसे की जानकारी के बाद फर्रुखाबाद के कमालगंज थाना क्षेत्र के उगरापुर निवासी रईस अस्पताल और घटनास्थल पर अपने भाई के परिवार को तलाश रहा है। उसने बताया कि चतुर्वेदी बस सर्विस की स्लीपर बस में सवार होकर 42 वर्षीय भाई लईक अहमद, उनकी पत्नी 40 वर्षीय शाहिदा, 11 वर्षीय पुत्री शादिया, नौ वर्षीय पुत्र शान, सात वर्षीय पुत्र सैफ जयपुर के लिए शुक्रवार शाम को 4.30 बजे घर से निकले थे। शाम छह बजे रजीपुर से बस में सवार हुए थे। उनकी टिकट गुरसहायगंज से जयपुर तक की थी और सीट स्लीपर नंबर पर थी। बाकी टिकट नीचे की सीट नंबर के थे। मौके पर गए थे लेकिन भाई के परिवार का कोई पता नहीं लगा है।
फर्रुखाबाद के नारायणपुर की रहने वाली 20 वर्षीय प्रिया भी मां उर्मिला के साथ बस से जयपुर जा रही थीं। हादसा होने पर मां शीशा तोड़कर बाहर कूद गईं और उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। सुबह बेटी का पता करने के लिए अस्पताल परिसर और फिर घटनास्थल पहुंची लेकिन कुछ पता नहीं चला। एसडीएम गौरव कुमार से उन्होंने बताया कि बेटी बस में आगे और वह पीछे बैठी थीं। उनका परिवार जयपुर में सब्जी बेचने का काम करता है, जहां वह बेटी के साथ जा रही थीं। श्रंगीरामपुर शेखपुर सराय निवासी राजीव और छम्मीलाल व उसके पुत्र आठ वर्षीय सौरभ भी जयपुर जाने के लिए रजीपुर से बस में सवार हुए थे। सौरभ ने बताया कि पिता ने शीशा तोड़कर उसे गोद में लेकर बस से छलांग लगा दी। सौरभ सकुशल है लेकिन छम्मीलाल घायल हैं। उनका इलाज छिबरामऊ के 100 शैय्या अस्पताल में हो रहा है।
हादसे में मृत ट्रक चालक की शिनाख्त मामा ने पैर की की है। पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे ग्राम अखरा थाना नवाबगंज जनपद फर्रुखाबाद निवासी घनश्याम सिंह ने बताया कि ट्रक चालक भांजा अजय उर्फ रिंकू मैनपुरी के कुरावली थाना क्षेत्र के ग्राम बिशुनपुर लतीफपुर का रहने वाला था। वह दिल्ली के मेहता ट्रांसपोर्ट ट्रक चलाता था और माल लादकर पटना जा रहा था। ट्रक की आग बुझने के बाद पुलिस ने एक कंकाल बरामद किया था, जिसमें उसका एक पैर ही था। पैर देखकर उसकी शिनाख्त की है। उसके साथ क्लीनर भी था लेकिन वह तबियत खराब होने पर भोगांव में उतरकर घर चला गया था। रिंकू की शादी तीन साल पहले हुई थी और उसका एक बेटा है।
पोस्टमार्टम हाउस की हालत देख भड़के मंत्री
मुख्यमंत्री के निर्देश पर पहुंचे कैबिनेट मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री ने पोस्टमार्टम हाउस की दशा देखी तो उनका पारा चढ़ गया और सीएमओ को फटकार लगाई। शनिवार को पोस्टमार्टम हाउस में करीब 10 क्षत-विक्षत शवों को लाया गया। पांच डॉक्टरों की टीम गठित करके पोस्टमार्टम की तैयारी की गई थी। यहां पहुंचे कैबिनेट मंत्री ने चारों तरफ गंदगी देखकर सीएमओ डॉक्टर कृष्ण स्वरूप से नाराजगी जताते हुए कहा कि सभी अधिकारी मौज मार रहे हैं। एक सप्ताह के अंदर पोस्टमार्टम हाउस की सफाई कराएं वरना कार्रवाई की जाएगी।