नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी भीषण आग ने इस ओर किसी का ध्यान नहीं आकृष्ट किया। एक सप्ताह से सीडनी तिल-तिल कर जल रहा है। देश-दुनिया ने आग से होने वाली क्षति पर तो चिंता व्यक्त की, लेकिन एक बड़े नुकसान की ओर किसी का ध्यान नहीं गया। जैव विविधता के विशेषज्ञों इस ओर ध्यान आकृष्ट किया। विशेषज्ञों ने आग से नुकसान की जो तस्वीर पेश वह चौंकाने वाली ही नहीं बल्कि बहुत भयावह है। आइए जानते हैं कि आखिर वह कौन सी चीज है जिस पर किसी का ध्यान नहीं गया। क्या सच में यह बड़ा नुकसान है ?
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के जिन जंगलों में आग लगी है, वह जैव विविधता के लिहाज से बेहद उपयोगी इलाका है। यहां लाख या करोड़ नहीं बल्कि अरबों प्रजाति के जीव-जंतु पाए जाते हैं। किसी ने भी अपने आंकलन में इस ओर ध्यान नहीं दिया। जाहिर है इस आग की लपटों ने इन प्रजातियों का समूल नाश कर दिया। जैव विविधता के विशेषज्ञों ने कहा है कि यह कई प्रजातियों के लिए खतरे की घंटी है।
उनका कहना है कि 600,000 से 700,000 ऐसी प्रजातियां है जो पूरी दुनिया में कहीं नहीं पाई जाती। कई प्रजातियां केवल इसी जंगल में पाई जाती हैं। ऐसे में इन प्रजातियों का समूल नाश हो गया। यानी यह प्रजाति नष्ट हो गई या नष्ट होने के कगार पर हैं। भीषण आग के कारण वह आज खतरे में है।
250,000 कीट की प्रजातियों पर बड़ा संकट
इस बड़े जंगली इलाके में करीब 250,000 कीट की प्रजातियों पर बड़ा संकट उत्पन्न हो गया है। खास बात यह है कि यह कीटों की यह प्रजाति केवल इसी जंगल में पाए जाते थे। कई दिनों तक लगी आग से इसमें कई प्रजाति या तो खत्म हो गई हैं या खत्म होने के कगार पर हैं। आग से इन प्रजातियां के खत्म होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। लेकिन इन प्रजातियों पर किसी का ध्यान नहीं गया। कीटों की यह प्रजाति जंगलों की जैव विविधता के लिए बेहद उपयोगी है।
फॉक्स न्यूज के मुताबिक दक्षिणी पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में दो जंगली क्षेत्र में आग शुरू हुई थी, जो देखते ही देखते 15 लाख एकड़ के क्षेत्र में फैल गई है। इससे अब तक तीन हजार से ज्यादा घर ध्वस्त हो गए हैं और 26 लोगों की जान गई है। एक अरब से ज्यादा जानवर मर गए हैं या उनकी जान खतरे में है। सिडनी यूनिवर्सिटी के ताजा आकलन में यह जानकारी सामने आई है। यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी बयान में प्रोफेसर क्रिस डिकमैन ने कहा है कि आग से जो नुकसान हुआ है, उसकी तुलना करना संभव नहीं है। इस अग्निकांड से जानवरों पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ा है।