अहमदाबाद। देशद्रोह के मामले में अदालत में हाजिर नहीं होने के चलते सत्र न्यायालय की ओर से गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद पुलिस ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को गिरफ्तार कर लिया है। आरक्षण आंदोलन से चर्चित होने के बाद कांग्रेस में शामिल होने वाले हार्दिक एक बार फिर कानून के चंगुल में फंस गए हैं।
पैतृक गांव विरमगाम से गिरफ्तार
अहमदाबाद में देशद्रोह के तहत दर्ज मुकदमे की पेशी पर हाजिर नहीं होने के चलते सत्र न्यायालय ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। इसी के आधार पर पुलिस ने उन्हें पैतृक गांव विरमगाम से गिरफ्तार कर लिया।
हार्दिक के खिलाफ अहमदाबाद और सूरत में राजद्रोह के दो मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा भी आरक्षण आंदोलन के दौरान आगजनी व तोड़फोड़ के कई मामले उन पर चल रहे हैं। विसनगर में भाजपा विधायक के कार्यालय में तोड़फोड़ व आगजनी के मामले में उनको सजा सुनाई जा चुकी है।
कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को 2015 के राजद्रोह के एक मामले में निचली अदालत में पेश नहीं होने के कारण शनिवार को गुजरात के अहमदाबाद जिले के वीरमगाम तालुका से गिरफ्तार कर लिया गया। उनके खिलाफ वारंट जारी होने के कुछ घंटों बाद ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राजदीपसिंह जाला (अपराध शाखा) ने पटेल की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। जाला ने कहा कि हमने हार्दिक पटेल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद उन्हें वीरमगाम के पास से गिरफ्तार किया है। हम उन्हें रविवार को अदालत के समक्ष पेश करेंगे।
पटेल समुदाय की एक रैली के दौरान हिंसा भड़कने के बाद पटेल पहले भी गिरफ्तार हुए थे
अहमदाबाद में 25 अगस्त 2015 को पटेल समुदाय की एक रैली के दौरान हिंसा भड़कने के बाद स्थानीय अपराध शाखा ने राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कर पटेल को पहले भी गिरफ्तार किया था।