फतेहपुर। शहर कोतवाली क्षेत्र के शांतिनगर मोहल्ले में शनिवार की सुबह दर्दनाक घटना ने सभी झकझोर दिया। रात में पति से झगड़ा होने के बाद महिला ने एक जवान व दो नाबालिग बेटियों के साथ मिलकर जहर खा लिया।
सुबह घर के अंदर चारों बेटियों और मां के मृत मिलने से सनसनी फैल गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने घटना की छानबीन करने के साथ ही पड़ोसियों से पूछताछ की।काफी तलाश के बाद पुलिस ने पति को एक होटल से पकड़ लिया है और पूछताछ कर रही है।
शहर कोतवाली क्षेत्र में रहने वाले रामभरोसे की 40 वर्षीय पत्नी श्यामा देवी निरंकारी बालिका इंटर कालेज में रसोइया का काम करती थी। राम भरोसे कोई काम नहीं करता था और श्यामा ही गृहस्थी का खर्च चला रही थी। श्यामा ही 21 वर्षीय पिंकी, 14 वर्षीय प्रियंका, 13 वर्षीय वर्षा और दस साल की ननकी की पढ़ाई समेत पूरी जिम्मेदारी भी उठा रही थी। नशे का लती रामभरोसे आए दिन घर में झगड़ा करता था। पड़ोसियों के मुताबिक शुक्रवार की रात भी श्याम और राम भरोसे के बीच झगड़ा हुआ था।
शनिवार सुबह घर से किसी के बाहर न आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंचे कोतवाल रवींद्र सिंह ने घर के दरवाजे तुड़वाए तो अंदर का नजारा देखकर सभी सन्न रह गए। कोठरी के अंदर श्यामा और उसकी चारों बेटियां मृत पड़ी थीं, जबकि राम भरोसे घर से फरार था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने पड़ोसियों से पूछताछ की। प्रथम दृष्टया जांच में जहरीली रोटी खाकर जान देने की बात सामने आ रही है।
माना जा रहा है श्यामा ने आटे में जहर मिलाया और उससे बनी रोटी बेटियों को खिलाईं और खुद भी खाकर जान दे दी। सीओ सिटी केडी मिश्र का कहना है कि प्रकरण की जांच कराई जा रही है। पुलिस टीम फरार पति राम भरोसे की तलाश कर रही है। प्रथम दृष्टया पति से झगड़ा होने की बात सामने आ रही है, पता लगाया जा रहा है कि पांचों की मौत किन परिस्थितियों में हुई।
पड़ोसियों से पूछताछ में सामने आया है कि रामभरोसे नशे का आदि था। श्यामा ही चारों बेटियों के पालन पोषण का खर्च चला रही थी। रामभरोसे भी नशा पूरा करने के लिए अक्सर श्यामा से पैसे मांगता और मारपीट करता था। इधर श्यामा को जवान बेटी की शादी की चिंता भी सताने लगी थी। इसके चलते वह पति से अक्सर कुछ करने के लिए कहती थी। इस बात पर भी अक्सर झगड़ा होता था।
श्यामा दस बाइ दस की कोठरी में रहकर पूरा परिवार का पालन पोषण कर रही थी। इस कोठरी के अंदर ही श्यामा की पूरी गृहस्थी थी। बाबा रामआसरे ने बताया कि वह भी बेटे के नशे से आजिज आ गए थे। पिछले बीस साल से बेटा राम भरोसे नशे में हमेशा धुत रहता था। बहू श्यामा बहुत अच्छी थी, चार बेटियों को पालने के लिए पहले वह खेतों में फसल काटने और धान लगाने की मजदूरी करती थी।
बाद में कॉलेज में रसोइसा की नौकरी लग गई थी। बड़ी पौत्री पिंकी ने बीए कर लिया था और बाकी बेटियों को भी श्यामा पढ़ा रही थी। घर खर्च चलाने के लिए पिंकी भी छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगी थी और घर खर्च में मां का हाथ बंटाती थी। राम भरोसे नशे की लत पूरी करने के लिए श्यामा और बेटी पिंकी के हाथों से भी पैसे छीनकर ले जाता था। पौत्रियां अक्सर उनके पास आती थीं लेकिन वह भी आर्थिक और शारीरिक कमजोर होने की वजह से मदद नहीं कर पाते थे।