आज से फरवरी का महीना शुरू हो चुका है। हर महीने की तरह इस महीने भी कई अहम व्रत और त्योहार मनाएं जाएंगे। लेकिन इनमें जो सबसे अहम है, वो है महाशिवरात्रि का पर्व। यह पर्व हिंदू धर्म में खास महत्व रखता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से मनोकामना पूरी होती है। इसलिए लोग इस दिन लोग व्रत रखते हैं। भोलेनाथ के मंदिर में जाकर भगवान शिव पर जल और पुष्प अर्पण करते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस दिन है महाशिवरात्रि और क्या है पूजन का समय।
महाशिवरात्रि 21 तारीख को शाम को 5 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी कि 22 फरवरी दिन शनिवार को शाम सात बजकर 2 मिनट तक रहेगी। रात्रि प्रहर की पूजा शाम को 6 बजकर 41 मिनट से रात 12 बजकर 52 मिनट तक होगी। अगले दिन सुबह मंदिरों में भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाएगी। बता दें कि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन आने वाली शिवरात्रि को सिर्फ शिवरात्रि कहा जाता है। लेकिन फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी के दिन आने वाले शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है। साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है।
हिंदू पंचांग के मुताबिक,फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। ऐसी माान्यता है कि इस दिन शिव और पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। शास्त्रों की मानें तो महाशिवरात्रि त्रयोदशी युक्त चतुर्दशी को ही मनाई जानी चाहिए।
ये है कथा
इस दिन के बारे में एक कथा प्रचलित है। पौराणिक कथा के अनुसार एक बार पार्वतीजी ने भगवान शिवशंकर से पूछा, ‘ऐसा कौन-सा श्रेष्ठ तथा सरल व्रत-पूजन है, जिससे मृत्युलोक के प्राणी आपकी कृपा सहज ही प्राप्त कर लेते हैं?’ उत्तर में शिवजी ने पार्वती को ‘शिवरात्रि’ के व्रत का उपाय बताया था।