नई दिल्ली। देश की दिग्गज जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में आएगा। रविवार को वित्त सचिव राजीव कुमार ने इस बात की जानकारी दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 का बजट प्रस्तुत करते समय घोषणा की थी कि अगले वित्त वर्ष में IPO के जरिये LIC में हिस्सेदारी बेची जाएगी। कितना हिस्सा बेचा जाएगा यह पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि यह 10 फीसद हो सकता है लेकिन इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
कुमार ने कहा कि LIC की सूचीबद्धता (लिस्टिंग) के लिए कई प्रक्रियाएं पूरी करनी होगी और कुछ कानूनों में भी बदलाव करने की जरूरत होगी।
उन्होंने कहा, ‘हम लिस्टिंग के लिए मौजूदा प्रक्रिया अपनाएंगे और अन्य जरूरतों जैसे कानून में बदलाव आदि के लिए कानून मंत्रालय से मशविरा करने की जरूरत होगी। हम यह प्रक्रिया पहले ही शुरू कर चुके हैं। FY21 के दूसरी छमाही में LIC की लिस्टिंग तर्कसंगत लगती है।’
उन्होंने कहा कि LIC की लिस्टिंग से पारदर्शिता बढ़ेगी, सार्वजनिक भागीदारी आएगी और इक्विटी मार्केट की गहराई भी बढ़ेगी।
अगले वित्त वर्ष में LIC की लिस्टिंग और IDBI Bank में अपनी हिस्सेदारी बेच कर सरकार 90,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य कर रही है। अगले वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिये कुल 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है। वर्तमान में भारतीय जीवन बीमा निगम में सरकार की हिस्सेदारी 100 फीसद है जबकि IDBI बैंक में हिस्सेदारी लगभग 46.5 फीसद है।
LIC के IPO को लेकर बाजार प्रतिभागी काफी उत्साहित हैं और उनका कहना है कि सऊदी अरामको की तरह ही यह ‘दशक का आईपीओ’ होगा। 60 साल पुरानी सरकार की कंपनी एलआईसी देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है। इसकी बाजार हिस्सेदारी 70 फीसद से अधिक है।
पॉलिसियों की संख्या के मामले में एलआइसी की बाजार हिस्सेदारी 76.28 फीसद है जबकि पहले साल के प्रीमियम के मामले में बाजार हिस्सेदारी 71 फीसद है। एलआईसी ने पिछले साल ही IDBI Bank में नियंत्रण हिस्सेदारी ली थी।