चंडीगढ़। Delhi Assembly Election 2020 में भाजपा सारे दांव आजमा रही है। इस चुनावी रण के लिए माइक्रो बूथ मैनेजमेंट की रणनीति है और इसकी जिम्मेदारी हरियाणा के भाजपा के नेताओं को दी गई है। हरियाणा के भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं इस पर काम करना भी शुरू कर दिया है। हरियाणा भाजपा के प्रभारी रहते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले यहां के कार्यकर्ताओं को बूथ मैनेजमेंट सिखाया था। कार्यकर्ताओं का जोर अधिक से अधिक मतदाताओं को मतदान के लिए घरों से बाहर निकालकर मतदान केंद्रों तक पहुंचाने पर रहेगा।
हरियाणा से सबक लेकर दिल्ली में मतदाताओं को बूथ तक लाने पर जोर
हरियाणा में अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान शहरी मतदाता उम्मीद के मुताबिक घरों से बाहर नहीं निकल पाए। भाजपा को उम्मीद थी कि वह 75 से अधिक सीटें जीत रही है, इसलिए मतदाताओं को घर से बाहर निकालने पर ज्यादा फोकस नहीं रखा गया। गांव के लोग तो मतदान केंद्रों तक पहुंचे, लेकिन शहरी मतदाता यह सोचते हुए कि भाजपा की सरकार तो बन ही रही है, मतदान केंद्रों पर नहीं पहुंच पाए।
दिल्ली चुनाव के रणनीतिकार हरियाणा की इस स्थिति पर गंभीरता से मंथन कर रहे हैैं। दिल्ली में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खुद डेरा डाल रखा है। केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर और राव इंद्रजीत के साथ ही पूर्व मंत्री ओमप्रकाश धनखड़, कैप्टन अभिमन्यु, मनीष ग्रोवर और सुभाष बराला दिल्ली के रण में पूरी मुस्तैदी से जुटे हैैं।
भाजपा के रणनीतिकारों का फोकस बूथ मैनेजमेंट के साथ ही मतदाताओं को घर से बाहर निकालकर मतदान केंद्र तक पहुंचाने पर है।
दिल्ली के साथ लगते हरियाणा के जिलों फरीदाबाद, गुरुग्र्राम, पलवल, नूंह, सोनीपत, रेवाड़ी और पानीपत के कार्यकर्ताओं को अगले एक से दो दिनों के भीतर राजधानी पहुंचने का इशारा हो गया है। दिल्ली में जिन पार्टी कार्यकर्ताओं की रिश्तेदारियां हैैं, उन्हें खासतौर से वहां के चुनाव में बुलाया गया है।
सीएम के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन के अनुसार हरियाणा के करीब तीन दर्जन बड़े नेता दिल्ली के चुनावी रण में प्रचार में जुटे हैैं। मुख्यमंत्री खुद पूरा फीडबैक हासिल कर रहे हैैं। भाजपा प्रवक्ता वीर कुमार यादव के अनुसार हरियाणा के कार्यकर्ताओं की बदौलत दिल्ली के चुनाव में पार्टी आधी से ज्यादा सीटों पर दम दिखाने की पूरी स्थिति में पहुंच गई।