जम्मू। डिवीजनल कमिश्नर कश्मीर बसीर खान ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। श्रीनगर में इस वायरस से निपटने के लिए हुई तैयारियों की समीक्षा करते हुए उन्होंने यह बात कही। उन्होंने सभी डिप्टी कमिश्नरों तथा स्वासथ्य विभाग के अधिकारियों से लोगों के बीच कोरोना वायरस के लक्षणों और बचने के उपाय बताने को कहा है।
कोरोना वायरस से बचने के तरीके बताएंगे इमाम, पंच और सरपंच
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवइजारी लोगों तक पहुंचाने के लिए मस्जिदों के इमामों, पंच, सरंपचों, डॉक्टरों, पुलिस और मीडिया से सहयोग लेने को कहा। उन्होंने चीन व अन्य देशों जहां पर वायरस फैसला हुआ है वहां पर जाने और आने वाले विद्यार्थियों, व्यापारियों की ट्रैवल इंवेंट्री जिला स्तर पर बनाने को कहा। घरेलू और विदेशी पर्यटकों से भी कोरोना वायरस के लक्षणों के बारे में जानकारी लें। उन्होंने डिप्टी कमिश्नरों को चौबीस घंटे की हेल्पलाइन स्थापित करने को कहा। बैठक में बताया गया कि अभी तक घाटी में कोरोना वायरस से संक्रमित एक भी मरीज नहीं आया है, लेकिन प्रशासन ने सभी जिलों में रैपिड रेस्पांस टीमें तैनात की हैं।
बैठक में बताया गया कि एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन में स्वास्थ्य जांच शिविरों के अलावा डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ की टीमें और एंबुलेंस भी तैनात की गई हैं। बैठक में बताया गया कि जीएमसी श्रीनगर में 26 बिस्तरों, स्किम्स में 25 बिस्तरों की क्षमता वाले आइसोलेशन वार्ड स्थापित किए हैं। इसके अलावा अन्य अस्पतालों में 52 बिस्तर भी अलग से रखे गए हैं। इसके अलावा माइक्रोबायालोजिस्ट की टीमें भी तैयार रखी गई हैं। जीएमसी श्रीनगर ने 11,500 ट्रिपल लेयर मास्क, सात हजार एन-95 मास्क रखे हैं जबकि स्किम्स में दस हजार एन-95 मास्क और दो लाख ट्रपल लेयर मास्क रखे है।
जम्मू-कश्मीर के कई छात्र इस समय चीन में एमबीबीएस और इंजीनयरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं। ऐसे में इन छात्रों को भी वापस जल्द लाने की उम्मीद है। कश्मीर में कई अभिभावक बच्चों को वापस लाने की मांग कर चुके हें। एक दिन पहले एक छात्र वापस लौटी थी। उसकी हालत सामान्य है। वहीं उम्मीद जाहिर की जा रही है कि अन्य छात्र भी जल्द वापस आएंगे। रविवार को भी भारत में चीन से कई को वापस लाया गया है।