नई दिल्ली । पूरी दुनिया में 4 फरवरी का दिन World Cancer Day के नाम से मनाया जाता है इस बीमारी का नाम सुनकर हम सब दहशत में आ जाते है वजह है, इसका इलाज लेकिन अब इससे डरने की ज़रुरत नहीं है। सच तो यह है कि मेडिकल साइंस में हुई चमत्कारिक प्रगति के कारण अनेक प्रकार के कैंसर की रोकथाम की जा सकती है साथ ही उनका सफलतापूर्वक इलाज भी किया जा रहा है…
जानें कैंसर के बारे में
सहज शब्दों में कहें, तो कैंसर शरीर में कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि का एक समूह है। कैंसर शरीर के अंग विशेष से अन्य भागों में भी फैल सकता है। अगर शरीर में तेजी से बढ़ने वाली कोई गांठ है, तो वह कैंसर हो सकती है। वहीं जो गांठ तेजी से नहीं बढ़ती, उसमें कैंसर होने की आशंका कम होती है। मस्तिष्क में तेजी से बढ़ने वाली गांठें ट्यूमर कहलाती हैं। ध्यान दें कि हर गांठ कैंसर नहीं होती। जानें क्या कहते है मुंबई के सीनियर ऑनकोलॉजिस्ट कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल के डॉ. राजेश मिस्त्री।
क्या हैं कारण: कैंसर होने के अनेक कारण हैं। विभिन्न प्रकार के कैंसर के कारण भी विभिन्न होते हैं। जेनेटिक कारणों से भी कैंसर होता है। इसके अलावा अस्वास्थ्यकर जीवन-शैली और पर्यावरण संबंधी कारण भी कैंसर के लिए उत्तरदायी है। वस्तुत: शरीर में दो तरह के जींस होते हैं। पहला, कैंसर प्रमोटर जींस और दूसरा, कैंसर सप्रेशन जींस। एक स्वस्थ व्यक्ति में इन दोनों जींस के मध्य संतुलन और तालमेल कायम रहता है, लेकिन अगर इन दोनों के मध्य संतुलन बिगड़ जाता है, तो कैंसर होने की आशंकाएं बढ़ जाती हैं।
लक्षण: विभिन्न प्रकार के कैंसर के लक्षण भी विभिन्न होते हैं। कैंसर ने जिस अंग या भाग को प्रभावित कर रखा है, उससे संबंधित कार्यप्रणाली बाधित होने लगती है। जांच और इलाज के बारे में: पैट सी.टी.स्कैन के जरिए कैंसर की पहचान की जाती है। बॉयोप्सी जांच से भी कैंसर का पता चलता है। वहीं मस्तिष्क के कैंसरग्रस्त भाग के परीक्षण में एमआरआई परीक्षण अधिक कारगर साबित हुआ है।
साइबर नाइफ: एक आधुनिकतम तकनीक है, जिसके प्रयोग से बेहोश किए बगैर विभिन्न प्रकार के कैंसर की डायग्नोसिस व इलाज संभव है।