लखनऊ । अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के ऑन्कोलॉजी टीम द्वारा कैंसर दिवस पर “कैंसर वॉरियर्स” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने कैंसर सरवाइवर्स को कैंसर वॉरियर्स बनने की प्रेरणा दी। कैंसर से जंग जीत चुके मरीजों को इस सेमिनार में लोगों को प्रेरित करने के लिए जानकारी दी गई कि किस प्रकार एक कैंसर पेशेंट इस बीमारी से लड़ सकता है।
अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सीईओ डॉक्टर मयंक सोमानी ने कहा कि हम “कैंसर वॉरियर्स” को एक मुहिम की तरह चलाएंगे और समय-समय पर इस तरीके के कार्यक्रम करके लोगों को जागरूक करेंगे और उन्हें एक कैंसर वॉरियर के रूप में ट्रेन करेंगे जिससे अधिक से अधिक लोगों के बीच में कैंसर के इलाज के प्रति और उससे लड़ने के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। एक कैंसर सरवाइवर फिर ज्यादा बेहतर कैंसर को कोई और व्यक्ति समझ नहीं सकता इसलिए हमने अपने पहले चरण में कैंसर सरवाइवर्स को ही कैंसर वॉरियर्स के रूप में चुना है।
कैंसर से अपनी जंग जीत चुके लोगों ने अपनी सफलता की कहानियों को साझा किया। साथ ही कैंसर सरवाइवर्स व उनके लिए काम कर रहे एनजीओ को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। कैंसर सरवाइवर्स ने हवा में गुब्बारों का गुच्छा उड़ाकर जीवन से कैंसर को हराने की खुशी जाहिर करते हुए कैंसर के खिलाफ ‘आई कैन एंड आई विल’ का मजबूत संदेश को व्यक्त किया। कैंसर पूरे विश्व में एक ऐसी बीमारी बन चुकी है जिसका नाम सुनते ही कई लोगों के पैरों तले जमीन खिसक जाती है। डॉक्टर्स मानते हैं कि कैंसर लाइलाज नहीं है बस जरूरत है इसका सही समय पर पता चलने की और सही इलाज की। कैंसर दिवस पर अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल द्वारा 2 दिन की मुफ्त कैंसर ओपीडी (4 और 5 फरवरी ) सेवा भी दी जाएगी।
इस विशेष सत्र “लाइफ स्टाइल एंड कैंसर” में अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के मेडिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. हर्षवर्धन आत्रेय, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. कमलेश वर्मा, न्यूक्लियर मेडिसिन डॉ. नरेश कुमार, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी डॉ. सुहैब के साथ ही अंतर्ध्वनि कैंसर फॉउण्डेशंन, कैंसर ऐड सोसाइटी, ईश्वर चाइल्ड वेलफेयर फाउंडेशन, कैन किड्स, केयरिंग सोल व कैंसर सरवाइवर के बीच कैंसर जागरूकता पर चर्चा की गई।
मेडिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. हर्षवर्धन आत्रेय ने बताया कि आमतौर पर शरीर के किसी भी भाग पर ऊतकों में असामान्य रूप से गांठ बनना या उभार आना कैंसर हो सकता है। कोशिकाओं का असामान्य तौर पर वृद्धि करना और अनियंत्रित रूप से विभाजित होने से कैंसर होता है। कैंसर के किसी भी लक्षण के दिखने पर उसकी जांच तुरंत करवाए जाने की जरूरत है और कैंसर के लक्षणों को भी आसानी से पहचाना जा सकता है। कैंसर का पता बायोप्सी से चलता है। बॉयोप्सी जांच से कैंसर फैलता नहीं है। इस गलत धारणा के कारण बहुत से लोग अपना उपचार समय से न कराकर मर्ज बढ़ा लेते हैं। बॉयोप्सी से ही कैंसर के प्रकार व संभावित उपचार का निर्धारण होता है। इसके बाद जो इलाज किया जाता है, उसमें कीमोथेरेपी प्रमुख है। कीमोथेरेपी कैंसर के असर को कम करने के लिए दी जाती है। इसी तरह रेडियोथेरेपी शरीर में कैंसर के ऊतकों को कम करने के लिए दी जाती है।
सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. कमलेश वर्मा, कहते हैं कि कैंसर को ठीक किया जा सकता है, बशर्ते कि इसे जीतने के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति और दृढ़ संकल्प लिया जाए। कैंसर की रोकथाम के लिए सिगरेट व शराब का सेवन ना करें इनसे फेफड़ों, सिर व गले के कैंसर का खतरा हो सकता है। ज्यादा तला भुना व वसा युक्त भोजन का सेवन ना करें, इससे ब्रेस्ट व प्रोस्ट्रेट कैंसर का खतरा होता है। स्वस्थ रहने के लिए रोज व्यायाम करें। गर्मियों के मौसम में सूरज की किरणों के संपर्क में आने से बचें साथ ही कॉस्मेटिक के ज्यादा प्रयोग से बचें। कैंसर से अपनी सुरक्षा के लिए कुछ रेगुलर चेकअप कराते रहें।
कैंसर सरवाइवर्स ने हवा में गुब्बारों का गुच्छा उड़ाकर जीवन से कैंसर को हराने की खुशी जाहिर करते हुए कैंसर के खिलाफ “आई कैन एंड आई विल” का मजबूत संदेश को व्यक्त किया।