लखनऊ। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए एक ट्रस्ट गठन होने के बाद भी इसके सदस्यों के नाम को लेकर उत्सुकता चरम पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बना दिया है। इस ट्रस्ट का नाम श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र होगा। यह स्वतंत्र होगा और भगवान राम के जन्मस्थान पर एक विशाल मंदिर के लिए सभी निर्णय लेने में सक्षम होगा।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट का गठन होने के बाद अब शासकीय न्यास में शामिल होने के कई तलबगार हैं। अयोध्या में मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाते रहे लोगों को अपेक्षा है कि उन्हें शासकीय न्यास में शामिल किया जा सकता है। अभी ऐसे लोगों से शासन स्तर पर कोई संपर्क नहीं साधा गया है। ऐसे में शासकीय न्यास के स्वरूप को लेकर अभी दुविधा है। कुछ विशेषज्ञ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी टीम की कार्यशैली का हवाला देकर आश्वस्त कर रहे हैं कि न्यास का गठन तय समय सीमा के भीतर होगा और न्यास के स्वरूप को लेकर कोई अंतर्विरोध न होने पाए, इस तथ्य को ध्यान में रखकर पूरी गोपनीयता बरती जा रही है।
इस ट्रस्ट के अध्यक्ष पद के लिए नृत्य गोपाल दास प्रबल दावेदार हैं। राम मंदिर न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास का नाम राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष पद के लिए सबसे आगे चल रहा है। अयोध्या के साधु-संतों और विहिप को उम्मीद है कि ट्रस्ट का अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास बनाए जा सकते हैं। राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए घोषित ट्रस्ट का अध्यक्ष मणिराम दास जी की छावनी के महंत व श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास को बनाये जाने का संभावना है। इसके संकेत उनके आश्रम की सुरक्षा कड़ी किये जाने से भी मिले हैं। हालांकि बुधवार को न्यास अध्यक्ष अयोध्या से बाहर थे, फिर भी ट्रस्ट गठन की जानकारी सावर्जनिक होने के पूर्व ही उनके आश्रम व उस ओर जाने वाले रास्तों पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे। इनमें एक ट्रस्टी हमेशा दलित समाज से होगा। ट्रस्ट अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा। पीएम मोदी के ट्रस्ट के गठन के ऐलान के बाद कयास लगाये जा रहे हैं कि आखिर ट्रस्ट का स्वरूप कैसा होगा।
माना जा रहा है कि ट्रस्ट में 15 सदस्यों में गृह मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी तथा अयोध्या के डीएम (पदेन) होंगे। इनके साथ ही निर्मोही अखाड़ा से एक सदस्य, राम जन्मभूमि न्यास के महंत नृत्यगोपाल दास और रामजन्म भूमि आंदोलन से लगातार जुड़े रहे वीएचपी के महामंत्री चंपत राय सदस्य रहेंगे। बाकी के छह सदस्य पर फैसला केंद्र सरकार कर रही है। जिसमें समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े हुए लोग होंगे। एक ट्रस्टी हमेशा दलित रहेगा। राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण उसी नक्शे के आधार पर होगा, जो राम जन्मभूमि न्यास ट्रस्ट ने बनाए थे।
मणिरामदास छावनी सहित प्रमुख संतों के आश्रम की सुरक्षा बढ़ी
ट्रस्ट गठन से पहले ही मंगलवार शाम को जिला प्रशासन ने रामनगरी में न्यास अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास के आवास मणिरामदास छावनी सहित दिगंबर आखाड़ा, रामविलासदास वेदांती के आश्रमों की सुरक्षा बढ़ा दी थी। इन लोगों का नाम ट्रस्ट में शामिल होने की संभावना के मद्देनजर यह व्यवस्था की गई है। इन आश्रमों की ओर जाने वाले रास्तों पर भी कड़ी निगरानी है।
विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद कहते हैं कि ट्रस्ट की घोषणा संसद के अंदर पीएम मोदी ने कर दी है। सबकी आशा है कि राम मंदिर न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ट्रस्ट के अध्यक्ष हो सकते हैं। फैसला सरकार को ही करना है। उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि रामलला का भव्य और दिव्य मंदिर सामने आएगा। वहीं ट्रस्ट में सदस्यों को लेकर उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन में शामिल होने वाले सभी लोगों को ट्रस्ट में शामिल किया जाना चाहिए। शरद ने कहा कि संतों की इस आंदोलन में बड़ी भूमिका रही है। ऐसे तमाम संत हैं, जो ट्रस्ट में शामिल हो सकते हैं।
राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द ट्रस्ट बना दें और मंदिर निर्माण शुरू हो। हमें खुशी है कि सरकार ने ट्रस्ट बनाने का ऐलान कर दिया है। उम्मीद है जल्द ही इसका गठन कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि निर्माण शुरू हो तो कई ऐसे रामभक्त हैं, जो इसमें धन देने को तैयार बैठे हैं।