कुआलालंपुर । मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक की पत्नी रोसमा मंसूर के खिलाफ बुधवार से कुआलालंपुर हाई कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई। उन पर पति के सत्ता में रहने के दौरान भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप है।वर्ष 2018 में रज्जाक के चुनाव हारने के बाद पुलिस ने उनके घर पर छापा मारकर करीब दो हजार करोड़ रुपये का सामान बरामद किया था। रोसमा पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी परियोजनाएं की मंजूरी दिलाने के एवज में रिश्वत ली। अभियोजन के अनुसार, बोर्नियो द्वीप के सरकारी स्कूलों में सोलर पावर जनरेटर का टेंडर दिलाने के लिए उन्होंने एक कंपनी से 65 लाख रिंगिट (करीब साढ़े ग्यारह करोड़ रुपये) की रिश्वत ली थी।
बुधवार को रोसमा एक कार में बैठकर अदालत आई और सीधे अंदर चल गई। सुनवाई के दौरान उनके पति नजीब भी अदालत में मौजूद थे। नजीब पर भी मलेशिया डेवलपमेंट बरहाद (एमडीबी) के कोष से अरबों डॉलर की हेराफेरी का आरोप है। पूर्व प्रधानमंत्री इस समय जमानत पर हैं। बता दें कि यह घोटाला सामने आने की वजह से उन्हें पिछले साल चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था। अभियोजक गोपाल श्री राम ने बताया कि जब 2015 में पहली बार घोटाला सामने आया तो उन्होंने खुद को बचाने की पूरी कोशिश की। श्री राम ने कहा कि उनकी टीम बताएगी कि रोसमा ने इस घोटाले पर महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट को संसद की लोक लेखा समिति में पेश करने से पहले उसमें बदलाव करने के लिए कैसे अपनी सत्ता का दुरुपयोग किया।
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में कुछ अंश ऐसे हैं जो रोसमा के लिए परेशानी का सबब बने। ये तथ्यात्मक रूप से सही थे। उन्होंने उन अशं को को हटाने या बदलने के लिए कदम उठाए। रज़्ज़ाक ने कुछ भी गलत करने से इनकार किया है और मलेशिया की नई सरकार पर राजनीतिक बदला लेने का आरोप लगाया है। अगर उन्हें दोषी पाया गया तो उन्हें जेल की सज़ा का सामना करना पड़ सकता है।