वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन ज्योतिर्लिंग (काशी विश्वनाथ, महाकाल और ओंकारेश्वर) को जोड़ने के लिए चलाई जाने वाली ट्रेन काशी-महाकाल एक्सप्रेस की शुरुआत की। मोदी ने वाराणसी कैंट स्टेशन पर वीडियो लिंक के जरिए वाराणसी से इंदौर के बीच चलने वाली इस गाड़ी को हरी झंडी दिखाई। इससे पहले उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्थल का लोकार्पण और उनकी 63 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया।
प्रधानमंत्री मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर हैं। मोदी साढ़े 5 घंटे काशी में बिताएंगे। वे विश्वनाथ मंदिर में अन्न क्षेत्र की शुरुआत करेंगे, यहां भक्तों को 24 घंटे नि:शुल्क भोजन मिलेगा। यहां 1200 करोड़ रुपए की 34 योजनाओं का उद्घाटन और 14 का शिलान्यास होना है। पिछली बार वे 6 जुलाई 2019 को अपने संसदीय क्षेत्र आए थे।
मोदी जंगमबाड़ी मठ में वीरशैव कुंभ में भी शामिल हुए। उन्होंने कहा- अनुच्छेद 370 और सीएए पर हम अपने फैसले के साथ खड़े हैं और हमेशा कायम रहेंगे। राम मंदिर के लिए ट्रस्ट का गठन हो गया है और वह लगातार मंदिर बनाने के लिए काम करेगा। आज मां गंगा के तट पर एक अद्भुत संयोग बन रहा है। गंगा जब काशी में प्रवेश करती हैं तो अपनी दोनों भुजाएं फैला देती हैं। एक भुजा पर धर्म, दर्शन और आध्यात्म की संस्कृति विकसित हुई और दूसरी भुजा पर सेवा, त्याग, समर्पण और तपस्या है। दीनदयालजी का स्मृति वन सेवा, त्याग, विराग और लोकहित से जुड़कर दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित होगा।
वाराणसी में 10 एकड़ में 39.75 करोड़ की लागत से पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति उपवन बनाया गया है। इसमें पंडित दीनदयाल की 63 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित की गई है। यह मूर्ति 200 से अधिक शिल्पकारों ने मिलकर बनाई है। इस स्मारक में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन और समय से संबंधित जानकारियां हैं।