लखनऊ। नागरिकता कानून एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ लखनऊ के घण्टा घर के मैदान मे 17 जनवरी से लगातार शान्तीपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओ ने आज 40वें दिन विरोध का नया तरीका अपनाते हुए घण्टा घर के विशाल मैदान मे डिटेन्शन सेन्टर का माडल बना कर सलाखो के पीछे जा कर नागरिकता कानून एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ ज़बरदस्त नारेबाज़ी की। विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओ द्वारा बनाए गए डिटेन्शन सेन्टर मे सलाख नुमा दरवाज़ा दर्शाया गया है डिटेन्शन सेन्टर के माडल के अन्दर सलाखो के पीछे यहंा विरोध प्रदर्शन कर रही सैकड़ो महिलाओ ने बारी बारी जाकर अपना विरोध दर्ज कराया । डिटेन्शन सेन्टर का माडल बना कर महिलाओ ने ये बताने की कोशिश की अगर देश मे एनआरसी लागू होती है तो एनआरसी लागू होने के बाद जो लोग अपनी नागरिकता सिद्ध नही कर पाएगे उन्हे इसी तरह के डिटेन्शन सेन्टर मे डाल दिया जाएगा । हालाकि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिल्ली के राम लीला मैदान मे लाखो लोगो के बीच ये एलान कर चुके है कि देश मे न तो कोई डिटेन्शन सेन्टर है और न ही अभी एनआरसी लागू करने के लिए कोई विचार हुआ है लेकिन प्रधानमंत्री के राम लीला गाउन्ड मे दिए गए इस बड़े बयान से पहले देश के गृहमंत्री अमित शाह संसद मे कह चुके थे कि वो पूरे देश मे एनआरसी को लागू करेंगे । देश के इन दोनो बड़े नेताओ के बयानो मे विरोधाभास के सामने आने के बाद देश की जनता मे और ज़्यादा असमंजस्ता देखने को मिली है।
नागकिरता कानून एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ दिसम्बर मांह से दिल्ली के शाहीन बाग मे शुरू किए गए विरोध प्रदर्शन के बाद लखनऊ के घण्टा घर के मैदान मे 17 जनवरी को मात्र 20 महिलाओ द्वारा नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया गया था जो सिस्तार लेता गया और 20 महिलाओ से महिलाओ की सख्ंया मे लगातार इज़ाफा हुआ और यहां विरोध प्रदर्शन शुरू हुए 40 दिन बीत गए महिलाओ का विरोध प्रदर्शन उसी तरह से शान्तीपूर्ण जारी है। घण्टा घर मे मैदान मे महिलाओ द्वारा बनाए गए डिटेन्शन सेन्टर के माडल को देख कर यहां विरोध प्रदर्शन कर रही कुछ महिलाए भावुक भी हुई डिटेन्शन सेन्टर के अन्दर सलाखो के पीछे जाकर कुछ महिलाए जब नागरिकता कानून एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ नारे लगा रही थी तब उनके चेहरे पर डिटेन्शन सेन्टर का खौफ भी झलक रहा था और उनकी आॅखे भी नम थी। घण्टा घर के मैदान मे बनाया गए डिटेन्शन सेन्टर का माडल विरोध प्रदर्शन के 40वें दिन चर्चा का विषय रहा डिटेन्शन सेन्टर के इस माडल को देखने के लिए मंगलवार को यहंा लोगो की भीड़ भी जुटी। हालाकि कुछ लोगो का ये भी कहना था कि सीएए, एनआरसी व एनपीआर को लेकर जितना ज़्यादा सोंचा जा रहा है उतना है नही लेकिन विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओ का कहना था कि एनआरसी लाने का मकसद ही यही है कि डिटेन्शन सेन्टरो मे भेज कर देश की भोली भालि जनता पर ज़ुल्म किए जाए और दुनिया इस ज़ुल्म को सवैधानिक तरीके से घुसपैठियो की दी जाने वाली सज़ा माने।
*हम किसी से नहीं डरेंगेः सुमैया राना*
घण्टा घर के मैदान मे महिलाओ द्वारा बनाए गए डिटेन्शन सेन्टर हिरासत केन्द्र के माडल के अन्दर सलाखो के पीछे खड़ी होकर मशहूर शयर मुनव्वर राना की पुत्री सामाजिक कार्यकर्ता सुमैया राना ने कहा कि मुल्क मे आज जिस तरह के हालात है उन हालातो के मददे नज़र यहां आज डिटेन्शन सेन्टर का माडल बना कर दिखाया गया है कि हम अब किसी चीज़ से नही डरेगे। उन्होने कहा कि न ही हम जेल से डरेगे न पुलिस की लाठी से डरेंगे न ही गोली से डरेगे हम शान्ती के लिए देश मे अमन कायम करने के लिए लड़ रहे है उसी तरह से हम लड़ते रहेगे इसके एवज़ मे चाहे हमको जेल जाना पड़े या सूली पर चढ़ना पड़े हम पीछे नही हटेंगे। सुमैया राना ने कहा कि देश के बड़े बड़े क्रान्तीकारी भगत सिंह हो अशफाक उल्लाह खान हो राम प्रसाद बिस्मिल हो गांधी जी हो या नेहरू जी हो सबने जेल मे जाकर देश के हित के लिए सज़ाए काटी है उन्होने कहा कि यहंा घण्टा घर के मैदान मे बनाया गए डिटेन्शन सेन्टर के माडल से हम यही सन्देश देना चाहते है कि देश की भलाई सोचने वालो को इसी तरह की जेलो मे जाना पड़ा है।