इंटरनेशनल डेस्क | तेहरान-ईरान के रहबरे मोअज़्ज़म आयतुल्ला ख़ामेनई ने कहा परमाणु बम के इस्तेमाल के धार्मिक दृष्टि से हराम होने के बारे में ईरान की साहसिक नीति की तरफ़ इशारा करते हुए कहा है कि ईरान, एटम बम बनाने और उसके रख-रखाव पर पैसे ख़र्च नहीं करेगा।
इस फतवे के बाद अमेरिका इज़राईल समेत पश्चिमी देशों की परमाणु बम के नाम पर लगाई गई बंदिशों पर इस बयान के बाद हैरत बढ़ गयी है।
आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार को देश के मेधावी व असाधरण क्षमताओं के स्वामी दो हज़ार युवाओं से मुलाक़ात के अवसर पर कहा कि हालांकि हम रास्ते पर आगे बढ़ सकते थे लेकिन हमने इस्लाम के आदेश के आधार पर, परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को पूरी तरह से हराम घोषित किया, इस लिए इस बात का कोई तर्क नहीं है कि हम उस चीज़ को बनाने और उसके रख-रखाव पर पैसे ख़र्च करें जो पूरी तरह से हराम है।
उन्होंने कहा कि इस्लामी क्रांति का एक अहम कारनामा, वैज्ञानिक क्षेत्रों समेत मुश्किल राहों पर चलने के लिए सभी का उत्साह वर्धन है जिसकी दुश्मनों ने भी तारीफ़ की है। वरिष्ठ नेता ने वैज्ञानिक क्षेत्रों में देश के कुछ कारनामों की तरफ़ इशारा करते हुए कहा कि देश में क्षमताओं के भरपूर इस्तेमाल से प्रतिरक्षा शक्ति, उपचार, विकसित चिकित्सा और बीमारियों पर नियंत्रण, तकनीकी व इंजीनियरिंग, नैनो टैकनोलोजी और शांतिपूर्ण परमाणु तकनीक जैसे क्षेत्रों में बहुत प्रगति हुई है।
रहबर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा कि हर मेधावी जवान, ईरान के शरीर का एक अंग है और इस प्रकार के लोगों की कठिनायां दूर करने के लिए मेधावियों के मामलों के रणनैतिक दस्तावेज़ को पूरी तरह से लागू किया जाना चाहिये।