लखनऊ। सपा के शासनकाल में जल निगम में सहायक व अवर अभियंता और नैत्यिक लिपिक पदों पर भर्ती में बड़े पैमाने पर अनियमितता के मामले में एफआईआर कराने की तैयारी है। साक्षात्कार के लिए गठित सात बोर्ड के 35 सदस्यों के खिलाफ भी एफआईआर होगी।
अभी तक की पड़ताल में 175 लोगों के खिलाफ अनियमितता के सुबूत मिले हैं। इनकी उत्तर पुस्तिकाओं में नंबरों व अन्य प्रविष्टियों को लेकर छेड़छाड़ की बात सामने आई है। वहीं, कुछ और भी नाम सामने आने का अंदेशा है।
जल निगम के प्रबंध निदेशक विकास गोठलवाल के मुताबिक इन सबको मिलाकर कुल दो सौ से अधिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। जल निगम में 122 सहायक अभियंताओं की भर्ती हुई थी। इनमें 38 ने सेवा छोड़ दी थी और 84 काम कर रहे थे। इनकी सेवा सोमवार को समाप्त कर दी गई है। वहीं, अवर अभियंता के 857 पदों पर भर्ती हुई। इनमें से 729 काम कर रहे थे, इन्हें भी बर्खास्त कर दिया गया है।
इसी तरह नैत्यिक सहायक की 325 भर्तियों में से 166 सेवारत थे, इन्हें भी हटा दिया गया है। सोमवार को कुल 979 अधिकारियों व कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई। गौरतलब है कि जल निगम में कुल 1304 भर्तियां हुई थीं। इस तरह सभी भर्तियां निरस्त हो गईं।
‘कर्मचारियों की सेवा समाप्ति मनमाना निर्णय’
उधर, जल निगम की सहायक अभियंता एसोसिएशन के महासचिव वरुण विक्रम सिंह ने कर्मचारियों की सेवा समाप्ति को मनमाना निर्णय बताया है। कहा, इसके खिलाफ अदालत जाएंगे। एसोसिएशन के सदस्य बुधवार को मुख्यमंत्री, जल निगम एमडी और चेयरमैन को ज्ञापन सौपेंगे।
एसआईटी ने 2018 में दर्ज किया था मुकदमा
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर जल निगम भर्ती घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने अप्रैल 2018 में मुकदमा दर्ज किया था। इसमें 12 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें तत्कालीन विभागीय मंत्री आजम खां भी शामिल हैं। इनके अतिरिक्त तत्कालीन नगर विकास सचिव एसपी सिंह, जल निगम के पूर्व एमडी पीके आसुदानी व जल निगम के तत्कालीन मुख्य अभियंता अनिल खरे को नामजद किए गए थे।
एसआईटी ने भर्ती परीक्षा आयोजित कराने वाली मेसर्स एपटेक लि. के अज्ञात अधिकारियों को अभियुक्त बनाया था। एफआईआर शासन के निर्देश पर की गई थी। बाद में एसआईटी के जांच के आधार पर सभी भर्तियों को निरस्त करने का फैसला किया गया।
भर्ती प्रक्रिया पर हुए खर्च की करेंगे वसूली
जल निगम के जिन अधिकारियों व कर्मचारियों की सेवा समाप्त की गई है, उनसे कोई वसूली नहीं की जाएगी। प्रबंध निदेशक का कहना है कि जिनकी सेवा समाप्त की गई, उन्हें काम करने के अंतिम दिन के वेतन का भी भुगतान किया जाएगा। पर, यह तय किया गया है कि भर्ती प्रक्रिया पर हुए खर्च की वसूली की जाएगी।