इस्लामाबाद । इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर 8 मार्च को प्रस्तावित औरत मार्च पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी। याचिका को औचित्यहीन बताते हुए कोर्ट ने कहा कि लोगों का कहीं भी इकट्ठा होना उनका मूलभूत अधिकार है। कोर्ट ने इसके साथ ही यह अपेक्षा कि लोग कानून के दायरे में रहते हुए इस मार्च (जुलूस) में शामिल हों।
पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अतहर मिन्लाह ने कहा कि इस मार्च में भाग लेने वालों के लिए उन लोगों को जबाव देने का यह बेहतर मौका है जो उनकी मंशा को गलत समझते हैं। जज ने कहा कि इस मार्च के दौरान अगर कानून के खिलाफ कुछ होता है तो कानूनी कार्रवाई जरूर होगी।
इसी हफ्ते लाहौर हाईकोर्ट ने भी प्रस्तावित औरत मार्च के खिलाफ दायर याचिका निस्तारित करते हुए लाहौर के जिला प्रशासन को मार्च को मंजूरी देने के आवेदन पर शीघ्र फैसला करने को कहा था। उल्लेखनीय है पाकिस्तान में 2018 में पहली बार औरत मार्च निकाला गया था।
इसे ‘हम औरतें’ नामक एक महिला संगठन निकालता है। इसका मकसद हर क्षेत्र में महिलाओं को मूलभूत अधिकार दिये जाने का है। हालांकि कट्टरपंथी शुरू से ही इस मार्च का विरोध करते रहे हैं। पिछले साल इसके आयोजकों और भाग लेने वालों को धमकियां भी मिली थीं।