नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रविवार को कुल छह मामले सामने आए, जबकि एक संदिग्ध मरीज की मौत हो गई। नए मामलों में पांच केरल और उत्तर प्रदेश के आगरा का एक मामला शामिल है। केरल में पांच मामले सामने आने के बाद राज्य सरकार हरकत में आ गई है। केरल के स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि यदि कोई कोरोना प्रभावित देश की यात्रा करने और वायरस से मिलते-जुलते लक्षण की बात छिपाता है तो उसे अपराध के रूप में लिया जाएगा और उसी के मुताबिक सख्त कार्रवाई की जाएगी। केरल पुलिस ने भी कहा कि जानकारी छिपाना गैरकानूनी और दंडनीय है।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने रविवार को तिरुअनंतपुरम में कहा कि एक दंपत्ति अपने पुत्र के साथ इटली के वेनिस शहर से दोहा होते हुए 29 फरवरी को कोच्चि लौटा था। लेकिन उसने कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग से बचते हुए निकल गया। उसने इटली से आने की बात भी छिपाई। इनके संपर्क में आए दो रिश्तेदारों के बीमार पड़ने पर इटली से लौटने की जानकारी हुई थी। ये सभी लोग दक्षिणी केरल के पतनमतिट्टा जिले के रानी के रहने वाले हैं। सभी की हालत स्थिर है। इनमें से दो को कोट्टयम मेडिकल कॉलेज अस्पताल और तीन को जिला अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है।
केरल में पीड़ित दंपत्ति के बुजुर्ग माता-पिता को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ये लोग जिन-जिन के संपर्क में आए हैं उनसे भी अलग-थलग रहने को कहा गया है। केरल सरकार ने उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है, जो विदेश से लौटने की जानकारी छिपा रहे हैं। केरल की स्वास्थ्य मंत्री शैलजा ने भी कहा कि इटली से लौटे परिवार ने यह जानकारी छिपाई, जो अपराध है। उन्होंने कहा कि ईरान, इटली, दक्षिण कोरिया और चीन जैसे देशों से लौटने वाले लोगों को तुरंत इसकी जानकारी प्रशासन को देनी चाहिए।
तीन लोगों को स्क्रीनिंग से बच निकलने पर कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (सीआइएएल)ने सफाई दी है। सीआइएएल का कहना है कि एयरपोर्ट पर अनिवार्य स्क्रीनिंग तीन मार्च से शुरू हुई है। उससे पहले विमान में ही यात्रियों से जांच कराने के लिए अनुरोध किया जाता था और कोरोना पीडि़त देशों से लौटने की जानकारी देने को कहा जाता था।