राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) को अपडेट करने के लिए किसी तरह के दस्तावेज को दिखाने की जरूरत नहीं है और जो कुछ जानकारी मांगी जा रही है वो वैकल्पिक हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार (12 मार्च) को राज्यसभा में यह जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एनपीआर को लेकर किसी को भयभीत होने की जरूरत नहीं। संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) को लेकर राज्यसभा में अमित शाह ने कहा कि इस कानून के आने के बाद नफरत फैलाने वाले भाषण शुरू हुए, जिसके जरिए मुसलमानों को गुमराह किया जा रहा है।
वहीं दूसरी ओर, दिल्ली हिंसा पर बोलते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार (12 मार्च) को राज्यसभा में कहा कि दिल्ली हिंसा के सिलसिले में किसी भी व्यक्ति के साथ कोई पक्षपात नहीं किया जाएगा और दंगा करने वाला व्यक्ति किसी भी धर्म या पार्टी का होगा, उसको नहीं छोड़ा जाएगा। शाह ने उच्च सदन में दिल्ली के कुछ भागों में हाल की कानून और व्यवस्था की स्थिति पर हुयी चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार दंगों से जुड़े मामलों की वैज्ञानिक, प्रामाणिक तरीके से जांच कर रही है। मामलों की तेजी से जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि दंगा करने वाला व्यक्ति किसी भी पक्ष, किसी धर्म, किसी पार्टी या किसी जाति का हो, उसको छोड़ा नहीं जाएगा एवं किसी के साथ कोई पक्षपात नहीं किया जाएगा।
शाह ने दिल्ली हिंसा को लेकर संसद में सरकार के चर्चा से भागने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस अपना काम ठीक से कर सके, लोगों को उनके स्थानों पर फिर से बसाने के लिए, घायलों के उपचार के लिए और दंगाइयों को पकड़ा जा सके, इसलिए चर्चा का समय मांगा गया। उन्होंने कहा कि दंगों के बाद 700 से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं। उन्होंने कहा कि जिसने भी प्राथमिकी के लिए कहा, उसकी शिकायत दर्ज की गई। पुलिस ने किसी को भी मना नहीं किया। उन्होंने कहा कि 12 थानों के लिए विशेष अभियोजक नियुक्त किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि 1922 चेहरों एवं व्यक्तियों की पहचान कर ली गई है। उन्होंने कहा कि 24 फरवरी को ही उत्तर प्रदेश की सीमा को सील कर दिया गया था। लोकतांत्रिक देश में दो देशों की सीमा की तरह दो राज्यों की सीमा को सील नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 50 गंभीर मामलों की जांच तीन एसआईटी करेगी। इनको डीआईजी एवं आइजी स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में किया जाएगा। शाह ने कहा कि दंगों में इस्तेमाल किए गए 125 हथियार जब्त किए गए हैं। दोनों संप्रदायों के लोगों की अमन समितियों की 321 बैठक कर दंगे रोकने का प्रयास किया गया। 40 से अधिक टीमों का गठन कर संलिप्त लोगों की पहचान कर उन्हें पकड़ने की जिम्मेदारी दी गई है।