केंद्र सरकार ने एयर इंडिया में अपना सौ फीसद हिस्सा बेचने के लिए बोली लगाने की डेडलाइन बढ़ा दी है। सरकार ने शुक्रवार को एयर इंडिया में 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोली लगाने की समय सीमा 30 अप्रैल तक बढ़ा दी है। पहले यह समय सीमा 17 मार्च 2020 निर्धारित की गई थी। एअर इंडिया के विनिवेश को लेकर गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बनाए गए मंत्री समूह ने अंतिम तिथि बढ़ाने का निर्णय किया। संभावित खरीदारों के लिए रुचि पत्र (बोलियां) जमा कराने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 30 अप्रैल कर दी गई है।
निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने एक अधिसूचना में कहा, ” कोरोना वायरस महामारी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए और संभावित खरीदारों के अनुरोध पर गौर करते हुए अंतिम तारीख बढ़ाने का निर्णय किया गया है। इससे पहले सरकार ने फरवरी में इच्छुक खरीदार कंपनियों या कंपनी समूहों को एअर इंडिया के ‘वर्चुअल डाटा तक पहुंच उपलब्ध करायी थी और उन्हें इससे जुड़े सवाल-जवाब के लिए छह मार्च तक का समय दिया था।
सरकार ने एअर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए 27 जनवरी को एक आरंभिक सूचना ज्ञापन जारी किया था। इसमें एअर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ एअर इंडिया एक्सप्रेस लिमिटेड में उसकी 100 प्रतिशत और सिंगापुर की कंपनी के साथ संयुक्त उपक्रम एअर इंडिया सैट्स एयरपोर्ट सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री भी शामिल है।
बता दें एयर इंडिया में हिससेदारी में अब प्रवासी भारतीय भी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद सकते हैं। अभी तक एयर इंडिया में 49 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति थी। वहीं अनुसूचित विमान कंपनियों में कुछ शर्तों के साथ 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है। एयर इंडिया की स्थापना आज से 88 साल पहले टाटा समूह ने ही की थी। वर्ष 1932 में टाटा एयर सर्विसेज के तौर पर एयर इंडिया की शुरुआत हुई थी। 1947 में इसका राष्ट्रीयकरण हो गया था और एक साल बाद इसका नाम बदलकर एयर इंडिया हो गया।
एयर इंडिया में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति से प्रवासी भारतीय (एनआरआई) एयरलाइन में 100 प्रतिशत तक निवेश कर सकेंगे। अभी उन्हें राष्ट्रीय विमानन कंपनी में सिर्फ 49 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने की अनुमति थी। बता दें सरकार दो साल में दूसरी बार एयर इंडिया के विनिवेश का प्रयास कर रही है। 27 जनवरी को एयर इंडिया की हिस्सेदारी बिक्री को शुरुआती सूचना ज्ञापन (पीआईएम) निकाला गया है।
जानें कौन-कौन हैं रेस में
एयर इंडिया को खरीदने वालों के नामों की चर्चा में उद्योगपति गौतम अडाणी से लेकर टाटा समूह, हिंदुजा, इंडिगो और न्यूयॉर्क की इंटरप्स जैसे बड़े नाम हैं। बता दें सरकार ने एयर इंडिया में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए कंपनियों से आरंभिक सूचना जारी की है। मुख्य विमानन कंपनी के साथ-साथ सरकार ने सस्ती विमान सेवा देने वाली उसकी अनुषंगी की पूरी और रखरखाव सेवा कंपनी में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का भी प्रस्ताव किया है।