नई दिल्ली/भोपाल. मध्य प्रदेश में सोमवार को शुरू होने वाले विधानसभा सत्र की शुरुआत से करीब 9 घंटे पहले रविवार रात दो बजे भाजपा के 100 से ज्यादा विधायक भोपाल पहुंचे। भोपाल में विधायकों को रिसीव करने पहुंचे नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा- ऑल इज वेल। ये सभी विधायक हरियाणा के मानेसर में ठहरे हुए थे। लेकिन, विधानसभा सत्र में फ्लोर टेस्ट की संभावना के मद्देनजर विधायकों को भोपाल रवाना कर दिया गया। यह फैसला दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह के घर भाजपा नेता नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया की बैठक के बाद लिया गया।
आज सिंधिया समर्थक विधायकों के आने की संभावना
ज्योतिरादित्य सिंधिया भी सोमवार सुबह भोपाल आ सकते हैं। उनके आने पर बेंगलुरु के रिसॉर्ट में ठहरे उनके खेमे के 22 विधायक भी सोमवार सुबह भोपाल पहुंच सकते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि विधायकों को फ्लोर टेस्ट के लिए बेंगलुरु से सीधे विधानसभा भी लाया जा सकता है। सिंधिया समर्थक विधायकों ने भोपाल आने से पहले सीआरपीएफ से सुरक्षा मांगी है।
राज्यपाल से देर रात मिले कमलनाथ, कहा- फ्लोर टेस्ट पर फैसला स्पीकर करेंगे
विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होगा या नहीं, इस पर सस्पेंस है। लेकिन, सदन की जो कार्यसूची जारी की गई है, उसमें केवल राज्यपाल के अभिभाषण और धन्यवाद ज्ञापन का ही जिक्र है। इस सूची के जारी होने के बाद राज्यपाल लालजी टंडन ने सीएम कमलनाथ को पत्र लिखा, जिसमें विश्वास मत के दौरान मत विभाजन हाथ उठाकर करवाने का जिक्र था। टंडन ने सीएम को मिलने भी बुलाया। इसके बाद कमलनाथ ने कहा कि फ्लोर टेस्ट पर फैसला स्पीकर एनपी प्रजापति लेंगे। इस बयान के कुछ ही देर बाद शिवराज सिंह ने कहा कि सरकार अल्पमत में है। कमलनाथ को फ्लोर टेस्ट करवाना चाहिए, फैसला हो जाएगा।
कमलनाथ ने कहा- फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार, पर पहले विधायक रिहा हों
राज्यपाल से मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा- लालजी टंडन ने फोन पर मुझे मिलने के लिए बुलाया था। वे विधानसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने के लिए मुझसे चर्चा करना चाहते थे। मैंने उनसे कहा कि मैं स्पीकर से बात करूंगा। फ्लोर टेस्ट पर फैसला स्पीकर करेंगे। यह मेरा काम नहीं है। मैंने राज्यपाल को बता दिया है कि मैं फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हूं, पर इससे पहले बेंगलुरु में बंधक बनाए गए विधायकों को रिहा किया जाए।
राज्यपाल को मुख्यमंत्री को निर्देश, फ्लोर टेस्ट करवाएं- शिवराज
कमलनाथ के बयान के बाद शिवराज सिंह ने कहा- राज्यपाल ने निर्देश दिए हैं कि सरकार फ्लोर टेस्ट करवाए, लेकिन मुख्यमंत्री कहते हैं कि यह मेरा काम नहीं। वे कह रहे हैं कि यह स्पीकर का काम है। मुख्यमंत्रीजी! सदन में क्या कामकाज होगा, यह सरकार तय करती है। उसे पूरा करवाने के लिए स्पीकर कार्रवाई करते हैं। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है कि आप विश्वास मत हासिल करें। मुख्यमंत्री फ्लोर टेस्ट की बात नहीं कर रहे। इधर-उधर की बात कर रहे हैं। फ्लोर टेस्ट करवाओ, फैसला हो जाएगा। सरकार डर भी रही है और फ्लोर टेस्ट से भाग रही है। किसी को बंधक नहीं बनाया गया है।
10 मार्च को भाजपा विधायकों को हरियाणा भेजा गया था
भाजपा के पास 107 विधायक हैं। इनमें से 105 विधायकों को भाजपा ने 10 मार्च की रात ही भोपाल में पार्टी मुख्यालय से बसों में बैठाकर दिल्ली रवाना कर दिया था। इन्हें गुड़गांव के होटल में ठहराया गया है। बाकी 2 विधायकों में शिवराज सिंह अभी दिल्ली और नारायण त्रिपाठी मां के निधन के चलते मध्य प्रदेश में हैं।