दिल्ली।फांसी की सजा की जानकारी मिलने के बाद निर्भया के दोषियों के बर्ताव में अचानक परिवर्तन आ गया। सभी दोषी आक्रामक होकर शोर मचाने लगे। जोर जोर से रोने लगे। दोषियों को चीखते देख जेल कर्मी वहां पहुंचे और उन्हें चुप करवाने की कोशिश की।
जेल कर्मियों ने उन्हें गीता का उपदेश देकर उन्हें शांत करवाने की कोशिश में जुट गए।कुछ देर में जेल कर्मियों की मेहनत रंग लाई और वो धीरे धीरे शांत हो गए।
जेल कर्मियों ने इन्हें समझाया गया कि हमारा शरीर नाशवान है। कभी भी इसका नाश हो सकता है। जेल सूत्रों का कहना है कि सुबह इन्हे लग रहा था कि इनके डेथ वारंट को टाल दिया जाएगा। सुबह से ही सभी दोषी कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रहे थे। दोपहर तक उनके चेहरे पर तनाव बढ़ने लगा और आदेश के आते ही उन्होंने आपा खो दिया।
उन्होंने खुद को चोट पहुंचाने की कोशिश के साथ ही सुरक्षाकर्मियों से भी लड़ाई झगड़ा करना शुरु कर दिया। उनके चीखने पर जेलकर्मी वहां पहुंच गए और उन्हें समझाने लगे। लेकिन सभी जोर जोर से रोने लगे।
अक्षय कह रहा था कि उसे फंसाया गया है। वहीं विनय भी खुद को निर्दोष बता रहा था। रात का खाना खाने का आग्रह किया तो इन्होंने खाने से साफ साफ इंकार कर दिया।