नई दिल्ली। निर्भया के चारों दोषियों में से एक पवन कुमार गुप्ता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। दोषियों के वकील एपी सिंह अपना पक्ष रख चुके हैं, इसके बाद अन्य वकील दोषियों की ओर से अपना पक्ष रख रहे हैं।
सुनवाई के दौरान दया याचिका को लेकर कोर्ट ने कहा कि दया याचिका खारिज के आदेश पर न्यायिक समीक्षा का दायरा सीमित है।
सुनवाई शुरू होते ही पवन के वकील ने कहा कि नाबालिग को फांसी देने का चलन कब से हुआ हमारे देश में। इसी के साथ एपी सिंह ने कई ऐसे दस्तावेज दिखाए जिससे पवन नाबालिग साबित हो सके लेकिन सब बेकार साबित हुआ। कोर्ट ने इस पर कहा कि जो दलीलें सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी, आप उसको क्यों बता रहे हो। कोर्ट ने यह भी कहा कि आपके पास एक भी ऐसी दलील नहीं है जो सुनी जा सके, मुझे लगता है यह सुनकर टाइम खराब कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि फांसी में सिर्फ दो घंटे बचे है और आप बेतुकी दलील दे रहे हैं।
दोषी पवन ने राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज के फैसले को चुनौती दी है। सुनवाई के दौरान वकील एपी सिंह ने पवन को नाबालिग बताते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कई दस्तावेज पेश किए।