कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (21 मार्च) को लोगों से अपील करते हुए कहा कि जब तक बहुत ज्यादा जरूरी ना हो वे घर से ना निकलें। उन्होंने जनता से अपनी यात्रा रोकने के लिए भी कहा है। जनता कर्फ्यू से एक दिन पहले पीएम मोदी ने यह ट्विटर के जरिए यह संदेश जारी किया।
इससे पहले पीएम मोदी ने बताया कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए देश के अंदर महत्वपूर्ण दवाओं और चिकित्सा उपकरणों का उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने 1400 करोड़ रुपए की योजनाओं को मंजूरी दी है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उन्होंने उद्योग जगत से कहा कि कोविड-19 के लिए आरएनए नैदानिक (डायग्नोस्टिक) उपरकणों के निर्माण पर युद्ध स्तर पर काम करने के लिए जरूरी है।
पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, “मेरी सबसे प्रार्थना है कि आप जिस शहर में हैं, कृपया कुछ दिन वहीं रहिए। इससे हम सब इस बीमारी को फैलने से रोक सकते हैं। रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों पर भीड़ लगाकर हम अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। कृपया अपनी और अपने परिवार की चिंता करिए, आवश्यक न हो तो अपने घर से बाहर न निकलिए।”
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, “कोरोना के भय से मेरे बहुत से भाई-बहन जहां रोजी-रोटी कमाते हैं, उन शहरों को छोड़कर अपने गांवों की ओर लौट रहे हैं। भीड़भाड़ में यात्रा करने से इसके फैलने का खतरा बढ़ता है। आप जहां जा रहे हैं, वहां भी यह लोगों के लिए खतरा बनेगा। आपके गांव और परिवार की मुश्किलें भी बढ़ाएगा।”
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 283 हुई
वहीं, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार (21 मार्च) को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 1,000 स्थानों पर गहन देखभाल प्रबंधन पर प्रशिक्षण आयोजित किये। मंत्रालय ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में कोरोना वायरस से निपटने के लिए आपात प्रतिक्रिया के लिए 22 मार्च को राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल होगी। वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले बढ़कर 283 हो गए है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने पत्रकारों को बताया कि कोरोना वायरस जांच के लिए दिशानिर्देशों में बदलाव किया गया है। प्रत्यक्ष स्पर्शोन्मुख, अति जोखिम वाले संपर्क के पुष्ट मामलों के संपर्क में आने के 5-14 दिनों के बीच जांच की जानी चाहिए।