कोरोना से बचाव के लिए रामनगरी में बाहरी भक्तों के प्रवेश और लॉक डाउन जैसे हालात के बीच सोमवार को श्रीराममंदिर निर्माण का पहला चरण प्रारंभ हो गया है। श्रीजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने गर्भगृह में विराजमान रामलला को नए अस्थाई मंदिर में शिफ्ट करने की पूजा प्रख्यात वैदिक आचार्य डॉ. कृतिकांत शर्मा के नेतृत्व में दिल्ली, काशी, मथुरा व प्रयागराज के 15 आचार्यों के साथ सुबह अनुष्ठान शुरू कराया।
गर्भगृह की पूजा में ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र यजमान बने तो अस्थाई मंदिर की पूजा में ट्रस्टी राजा अयोध्या बिमलेंद्र मोहन मिश्र। नवरात्र के पहले दिन 25 मार्च को रामलला को अस्थाई मंदिर में शिफ्ट किया जाएगा।
दिल्ली से आए प्रसिद्ध वैदिक आचार्य डॉ. कृतिकांत शर्मा के नेतृत्व में रामलला को नए घर में विराजमान करने के लिए 15 आचार्यों की टीम ने सुबह साढ़े सात बजे उदक शांति पूजा के साथ भूमि के शुद्धिकरण का अनुष्ठान शुरू किया। इसके पहले आचार्यों की टीम को रविवार रात नौ बजे श्रीराम जन्मभूमि परिसर ले जाया गया, जहां विराजमान रामलला और नए मंदिर का निर्माण स्थल दिखाया गया।
ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि कोराना की महामारी रोकने के लिए अनुष्ठान को सीमित करते हुए सरकार के दिशा-निर्देश का अनुपालन भी सुनिश्चित कराया गया है। ज्यादा लोग एकत्रित न हों, इसके लिए अयोध्या के शीर्ष संतों की भागीदारी भी नहीं हो पाई। सोमवार को सूर्योदय से पहले पूजन सामग्री की व्यवस्था पहुंचाई गई, इसके बाद एक साथ दो जगह विराजमान रामलला व अस्थाई मंदिर अनुष्ठान शुरू हुआ। इसी के साथ रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का पहला चरण प्रारंभ हुआ है। गर्भगृह की पूजा के यजमान डॉ. अनिल मिश्र हैं, जबकि साक्षी के रूप में विधायक वेदप्रकाश गुप्त व डीएम अनुज कुमार झा रहे। उधर, अस्थाई राममंदिर स्थल पर पूजा-अर्चना के यजमान राजा अयोध्या बिमलेंद्र मोहन मिश्र हैं।
ऐसे शुरू हुई पूजा
सोमवार सुबह 7:30 बजे दिल्ली से आए मुख्य आचार्य कृतिकांत शर्मा के नेतृत्व में नदियों के पवित्र जल से भरे हुए कलश, पूजन सामग्री, फल-फूल, भगवान के वस्त्र, हवन सामग्री आदि के साथ पीले व सफेद वस्त्र धारण करके कुल 15 आचार्य रामलला परिसर में दाखिल हुए। आचार्यों की टीम में विश्व हिंदू परिषद के संत संपर्क प्रमुख पंडित अशोक तिवारी और संयुक्त महामंत्री कोटेश्वर जी भी शामिल हैं, यह दोनों वैदिक पूजा पद्धति के दक्ष माने जाते हैं। साथ ही रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास भी मौजूद रहे।
टीम में शामिल अयोध्या के आचार्य इंद्र देव मिश्र ने बताया कि 10 आचार्यों की टीम रामलला के वर्तमान गर्भ गृह में पूजन अर्चन कर रही है । ये आचार्य रामलला से नए घर में चलने की प्रार्थना कर रहे हैं ,जबकि पांच आचार्यों की टीम अस्थाई राम मंदिर में भूमि शुद्धिकरण का अनुष्ठान कर रहे हैं । 25 मार्च की सुबह 4:30 बजे राम लला को विधि-विधान पूर्वक नए अस्थाई मंदिर में शिफ्ट कर दिया जाएगा। बताया कि रामलला को जिस रास्ते से पुराने घर से नए घर में ले जाना है उस रास्ते का भी शुद्धि करण कराया जाएगा।
रामलला को विराजमान करने के लिए श्रीरामजन्म भूमि से ढाई सौ मीटर पूरब बनाए गए अस्थाई मंदिर के सबसे भीतरी सुरक्षा घेरे को फाइबर और ग्लास के बुलेट प्रूफ मंदिर से सजाने का काम सोमवार सुबह शुरू हो गया है। पूरा मंदिर तैयार करके गृह मंत्रालय की टीम मंगलवार दोपहर तक सुपुर्द कर पाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को भोर में रामलला को नए अस्थाई मंदिर के गर्भगृह में स्थापित करने के लिए आ सकते हैं। इसे वेहद गोपनीय रखा जा रहा है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सूत्रों के मुताबिक वे सड़कर मार्ग से मंगलवार की आधी रात के बाद लखनऊ से रवाना हो सकते हैं, सीधे करीब चार बजे भोर में रामलला परिसर में दाखिल होंगे, जहां एक घंटे की पूजा व स्थापना के बाद सीधे लखनऊ वापस लौट जाएंगे।