कोरोना वायरस महामारी के बाद वित्तीय बाजार में उपजे संकट से निपटने के लिए रिजर्व बैंक जल्द ही सिस्टम में 1 लाख करोड़ रुपये डालेगा। आरबीआई ने सोमवार को कहा कि टर्म रेपो ऑक्शन के जरिये यह राशि उपलब्ध कराई जाएगी और भविष्य में ज्यादा की जरूरत हुई तो ऐसे और भी कदम उठाए जा सकते हैं। इसमें से 50 हजार करोड़ रुपये की पहली खेप सोमवार को ही जारी भी कर दी गई।
आरबीआई ने कहा कि योजना की अगली 50 हजार करोड़ की नकदी मंगलवार को जारी की जाएगी। केंद्रीय बैंक की ओर से जारी बयान के अनुसार, किसी भी तरह के नकदी संकट से निपटने के लिए पहले ही इस योजना को तैयार कर लिया गया था और रेपो रेट की दर पर बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों को नकदी मुहैया कराई जाएगी।
आरबीआई का मकसद इस योजना के तहत बैंकों को पर्याप्त नकदी उपलब्ध कराना है, ताकि वे कम कीमत पर लोगों को कर्ज मुहैया करा सकें। केंद्रीय बैंक ने कहा कि हमारी नजर वित्तीय स्थिति पर बनी हुई है और बाजार को सामान्य रूप से चलाने के लिए सभी तरह के कदम उठाए जाएंगे।
प्राथमिक डीलरों को भी मौका
आरबीआई ने कहा है कि विशेष परिस्थिति में स्टैंडअलोन प्राथमिक डीलर्स जो सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद-फरोख्त करते हैं, उन्हें भी इस नीलामी में भाग लेने की छूट दी जाएगी। हालांकि, इसके लिए उन्हें अपनी भागीदारी योग्यता साबित हकरनी होगी। आरबीआई सभी भागीदारों से लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशन (एलटीआरओ) के तहत ही आवेदन करने की छूट देगा, जहां रेपो रेट से कम या ज्यादा की बोली पर आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा।