श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य राममंदिर निर्माण के प्रथम चरण का अनुष्ठान आज सुबह सात बजे से पहले पूरा हो जाएगा। रामलला तीनों भाइयों भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न और हनुमान जी के साथ अस्थायी मंदिर में विराजमान होंगे। कोरोना से बचाव के चलते रामनगरी आने पर लगी रोक से प्रशासन ने भक्तों को घर पर ही लाइव दर्शन कराने की रणनीति बनाई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में शंखनाद व घंटे-घड़ियाल के बीच भोर में तीन बजे चार पात्रों में फूल व अक्षत के बीच रामलला समेत चारों भाइयों की पालकी नए मंदिर के लिए हनुमानलला के साथ प्रस्थान करेगी।
श्रीरामजन्मभूमि परिसर के गर्भगृह में उदक शांति पूजा के बाद मंगलवार को सुबह से पूरे दिन विराजमान रामलला को नए गर्भगृह में विराजमान करने के लिए विशेष अनुष्ठान हुआ। उधर, अस्थाई मंदिर परिसर को जागृत करने के साथ ही रामलला के आने के लिए तय मार्ग के परिक्रमा पथ का शुद्धिकरण भी किया गया।
इस दौरान आचार्य डॉ. कीर्तिकांत शर्मा के नेतृत्व में वैदिक आचार्यों की टीम ने भगवान से कोरोना संकट से संपूर्ण विश्व को मुक्ति दिलाने के लिए भी प्रार्थना की। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि मंगलवार को 10 बजे रात में शयन आरती के बाद रामलला विश्राम करेंगे, फिर उनसे शुभ मुहूर्त में रात दो बजे जागरण के लिए प्रार्थना की जाएगी। इसके बाद आरती होगी और चालन विधि से अनुष्ठान के बीच जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनने तक नए गर्भगृह में विराजमान होने के लिए प्रार्थना की जाएगी।
मंत्रोच्चार के बीच फूल से थाल की चार अलग-अलग पालकी सजाकर फूल व अक्षत के बीच रामलला अपने भाइयों भरत, लक्ष्मण व शत्रुघ्न के विग्रह को रखा जाएगा। जबकि हनुमान जी का विग्रह एक भक्त के कंधे पर विराजमान होगा। यहां से भक्तिभाव के बीच घंटे-घड़ियाल व शंखध्वनि के बीच यात्रा निकलेगी।
भोर में तीन बजे रामलला को नए मंदिर में राजा अयोध्या बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र की ओर से भेंट किए गये चांदी के सिंहासन पर विराजमान करने के बाद साढ़े तीन घंटे तक पूजन होगा।
साढ़े छह बजे भोर की आरती के बाद सात बजे भक्तों के दर्शन के लिए रामलला का नया दरबार व दर्शन मार्ग खोल दिया जाएगा। इस बीच मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर सीएमओ को एक गोपनीय पत्र जारी कर एसपी सिटी ने मंगलवार शाम को एबुलेंस व आपात चिकित्सा की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है।
रामलला को अस्थायी गर्भगृह में विराजमान करने के लिए पालकी यात्रा में अयोध्या के शीर्ष संत, ट्रस्टी समेत कुछ भक्त भी शामिल होंगे। इसकी सूची बन गई है। कुल संख्या करीब 50 बताई जा रही है।