नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी और इसके मानवीय और आर्थिक निहितार्थों के लिए समन्वित वैश्विक प्रतिक्रिया को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जी 20 वर्चुअल समिट में अन्य G20 नेताओं को संबोधित किया। एनएसए अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी उपस्थित थे। पीएम मोदी ने कहा कि यह फोरम वित्तीय और आर्थिक मुद्दों को संबोधित करने का एक मंच बन गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 देशों के नेताओं से मानव जीवन पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बनाने का आग्रह किया। उन्होंने समाज के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की कठिनाइयों को कम करने की योजना बनाने का भी आग्रह किया।
सूत्रों के अनुसार, समिट के दौरान कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर कोई चर्चा नहीं हुई। इस दौरान भावना सहयोगात्मक थी और मौजूदा संकट से निपटने के लिए विचार-विमर्श किया गया। वायरस के प्रकोप के लिए किसी को दोष देने का कोई प्रयास नहीं किया गया।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सिर्फ क्षेत्रीय स्तर पर ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की भूमिका को जी-20 वर्चुअल समिट में अन्य नेताओं ने सराहा। संयुक्त राष्ट्र (UN), अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुखों ने भी समिट की शुरुआत में बात रखी। पहले ही यह फैसला हो चुका था कि जी-20 कोरोना पर एक ऐक्शन पेपर के साथ आएगा।
सऊदी अरब की अध्यक्षता में हो रही जी 20 देशों की वर्चुअल बैठक में एक प्रमुख फैसला किया गया है। कोरोना वायरस से निपटने और इसके कारण दुनिया की अर्थव्यवस्था को हो रहे नुकसान में मदद के लिए 5 ट्रिलियन डॉलर लगाने का फैसला किया गया। दुनिया के 19 देशों और यूरोपीय संघ के नेताओं की यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई। अब तक दुनिया में कोरोना वायरस के कारण 22 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।