आईसीएमआर ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए देशभर में 35 निजी लैब को कोविड 19 परीक्षण के लिए मंजूरी दे दी। लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इसे बड़ा फैसला माना जा रहा है। इससे पहले आईसीएमआर में महामारी एवं संचारी रोग के प्रमुख आर गंगाखेड़कर ने कहा था कि सरकार द्वारा उठाए गए कदम इतने प्रभावी और सख्त हैं कि कोरोना वायरस के मामले देश में मुश्किल से ही बढ़ेंगे।
17 मार्च को लिया था फैसला
कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का जल्द से जल्द पता लगाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 17 मार्च को निजी पैथोलॉजी लैब्स को कोरोना की जांच करने की अनुमति देने का फैसला किया था। मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि अभी सिर्फ सरकारी लैब को ही कोरोना वायरस की जांच करने की अनुमति है। परंतु निजी लैब को इसकी अनुमति देकर जांच के कार्य में दोगुनी तेजी लाने का प्रयास किया जा रहा है।
अधिकारियों ने कहा था कि करीब 60 मान्यता प्राप्त निजी लैबों को जल्द ही टेस्ट कराने की इजाजत दी जाएगी। अधिकारी ने कहा कि हम ऐसे लैबों के नाम तय करने जा रहे हैं। इसे लेकर काम तेजी से चल रहा है। कोविड-19 के लिए सरकारी लैबों में मुफ्त जांच की जा रही है।
आर. गंगाखेड़कर ने भी कहा था कि कोरोना टेस्ट की क्षमता का कोई मुद्दा नहीं है क्योंकि हमारे पास 52 लैब हैं। भारत मौजूदा वक्त में रोजाना करीब 10 हजार टेस्ट कर सकता है। अभी रोजाना करीब 600 सैंपल टेस्ट किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि अभी 60 हजार टेस्टिंग किट मौजूद हैं और दो लाख ऑर्डर किए गए हैं।