मुम्बई। कोरोना वायरस की वजह से देश 21 दिन के लिए लॉकडाउन है। व्यापारी, कोरोबारी से लेकर आम आदमी की आमदनी प्रभावित हुई है। इस बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने वित्तीय संस्थाओं, बैंकों, नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों और को-ऑपरेटिव बैंकों को सभी टर्म लोन के लिए तीन महीने के मोरोटोरियम की अनुमति दी है।
क्या है मोरोटोरियम?
मोरोटोरियम का मतलब होता है कि इस अवधि में कर्जधारक को मासिक किस्त चुकाने की आवश्यकता नहीं है। इससे नकदी संकट का सामना कर रहे ऋणधारकों को आसानी हो सकती है। रिजर्व बैंक ने क्रेडिट की जानकारी रखने वाली कंपनियों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि किस्त नहीं चुकाने का असर ऋणधारक के क्रेडिट स्कोर पर ना पड़े।
क्या है टर्म लोन?
रिजर्व बैंक ने सभी टर्म लोन पर मोरोटोरियम की अनुमति दी है। बहुत से लोगों को इस बात पर स्पष्टता नहीं है कि टर्म लोन के तहत कौन से लोन आते हैं। फेडरल बैंक के एग्जीक्युटिव डायरेक्टर और सीएफओ आशुतोष खजुरिया कहते हैं, ‘एक साल के लिए लिया गया कोई भी लोन डिमांड लोन कहलता है। टर्म लोन का मतलब है, कोई भी लोन जो एक साल से अधिक के लिए लिया गया हो।’
कौन से लोन आएंगे दायरे में?
खजुरिया ने बताया कि पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड पर बकाया मोरोटोरियम के दायरे में नहीं है। हालांकि, कंज्यूमर गुड्स खरीदने के लिए लिया गया लोन इसके दायरे में होगा।’ कार लोन और होम लोन पर यह सुविधा ली जा सकती है। हालांकि, हो सकता है कि मोरोटोरियम सभी के लिए ना हो, बैंक अभी इस पर योग्यता और नियम-शर्तें ला सकते हैं।
‘रिजर्व बैंक ने कहा है कि यह बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को लोनधारकों को मोरोटोरियम सुविधा देने की अनुमति देता है। इसने यह नहीं कहा है कि वह ग्राहकों को EMI नहीं चुकाने की अनुमति दी है। इसलिए यह ऑटोमैटिक नहीं होगा।’ उन्होंने आगे कहा कि मोरोटोरियम के लिए योग्यता रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, बैंक के बोर्ड तय करेंगे।
किस्त टलेगी, माफ नहीं होगी
वित्तीय संस्थान अपने ग्राहकों को नियम और शर्तों के बारे में जानकारी दे सकती हैं। लोनधारकों को यह याद रखना है कि मोरोटोरियम का मतलब है कि इस अवधि में EMI स्थगित हो सकती है। यह EMI से छूट या माफी नहीं, बल्कि स्थगन ही है। इसकी एक कीमत होगी।’