भुवनेश्वर . पिछले साल ओडिशा का सामना फैनी तूफान से हुआ था। इसके आने से पहले ओडिशा और पूरा देश दहशत में था। तूफान की रफ्तार 200 से 250 किमी प्रति घंटे थी। तूफान आया और गुजर गया। इससे संपत्ति का तो व्यापक नुकसान हुआ, लेकिन जनहानि ज्यादा नहीं हुई। ओडिशा सरकार के आपदा प्रबंधन को देखकर पूरी दुनिया चौंक गई थी। फैनी तूफान को गुजरे एक साल भी नहीं बीता और ओडिशा का सामना अब कोरोनावायरस से हो गया। अब ओडिशा सरकार कोरोनावायरस को भी हराने के लिए ताबड़तोड़ कदम उठा रही है। राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत कोरोनावारयस को भी आपदा घोषित किया है। ऐसे कई और शुरुआती कदम हैं, जो देश के बाकी राज्यों लिए सबक हैं।
शुरुआती तैयारी: लॉकडाउन से पहले ही हेल्पलाइन नंबर जारी किया, 17 हजार 262 लोगों ने कोरोना के बारे में जानकारी ली
कोरोना वायरस को रोकने के लिए राज्य सरकार ने 3 मार्च 2020 को शुरुआती कदम उठा लिए थे। सरकार ने विदेश से ओडिशा आने वाले सभी लोगों को वेब पोर्टल covid19.odisha.gov.in पर रजिस्ट्रेशन कराने को कहा। इसमें रजिस्ट्रेशन कराने वालों को 14 दिनों तक नियमित रुप से क्वरैंटाइन में रहने पर 15 हजार रुपए देने का भी वादा किया। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 26 मार्च तक 4,000 से अधिक लोगों ने इस पोर्टल पर अपना नाम पंजीकृत करवाया है।ओडिशा सरकार ने लॉकडाउन से बहुत पहले ही राज्य के लोगों के लिए 104 नंबर की हेल्पलाइन भी जारी कर दी थी। इस नंबर पर 13 से 22 मार्च तक 72,134 लोगों ने कॉल किया, जिनमें से 48,313 लोगों से सरकार की ओर से संपर्क किया गया। 17,262 लोगों ने कोरोना वायरस के फैलाव से जुड़ी जानकारी ली। अन्य लोगों ने सर्दी, खासी एवं स्वाइन फ्लू से जुड़े सवाल पूछे।
नेशनल लॉकडाउन से पहले: राज्य के 5 जिले और 8 शहरों को बंद कर दिया गया था, केवल जरूरी सेवाएं चल रही थीं
सरकार ने राज्य के 5 जिले और 8 प्रमुख शहरों को 22 मार्च से 29 मार्च तक लॉकडाउन कर दिया था। हालांकि बाद में केंद्र सरकार ने 24 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन घोषित कर दिया। इस दौरान केवल बैंक, एटीएम, दवाखाना, राशन दुकान एवं अन्य अहम एजेंसियों को खुला रखने का निर्देश दिया गया।
नवीन पटनायक सरकार ने कोरोना के खिलाफ परिवार की फिक्र छोड़ और अपनी जान की बाजी लगाकर सेवा में जुटे डाॅक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और हेल्थकेयर कर्मचारियों को 4 महीने का एडवांस वेतन अप्रैल महीने में ही एक साथ देने की घोषण की है।
इलाज की व्यवस्था: अब तक राज्य में कोरोना के सिर्फ 3 पॉजिटिव केस आए हैं, कोरोना वार्ड तैयार हो रहे
ओडिशा में अब तक कोरोनावारयस के 3 पॉजिटिव केस सामने आए हैं। इन सभी का भुवनेश्वर के अस्पतालों में इलाज चल रहा है। राज्य में 26 मार्च तक 166 नमूनों की जांच की गई है।वहीं, अब पटनायक सरकार ने देश में कोरोना मरीजों बढ़ती संख्या को देखकर भुवनेश्वर में एक हजार बेड वाला अस्पताल बनाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक यह अस्पताल 15 दिन में बनकर तैयार हो जाएगा। इसे दो भागों में बांटा गया है। इसके तहत केआईआईएमएस मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन ब्लॉक में 450 बेड का अस्पताल बनेगा। इसके साथ 550 बेड की व्यवस्था एसयूएम हॉस्पिटल के कन्वेंशन सेंटर में की जाएगी। दोनों जगहों पर 24 घंटे इलाज किया जाएगा।
इसका खर्च ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन(ओएमसी) और महानदी कोलफिल्ड लिमिटेड(एमसीएल) के सीएसआर फंड द्वारा की जाएगी।ओडिशा सरकार ने 21 दिनों के लॉकडाउन को देखते हुए अन्य राज्यों में फंसे ओडिशा के लोगों के रहने-खाने और समय पर उपचार की व्यवस्था करने के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है। इस दौरान हुए खर्च को भी ओडिशा सरकार भुगतान करेगी। इसके अलावा सरकार ने 21 दिनों के लॉकडाउन में अन्य राज्यों में फंसे ओडिशा के लोगों की मदद के लिए उच्च अधिकारी के नेतृत्व में एक कंट्रोल रूम कोविड-19 बनाया है। कंट्रोल रूम के फोन नम्बर-0674 2392115 और 9438915986 पर कॉल कर लॉकडाउन में फंसा व्यक्ति ओडिशा सरकार से संपर्क कर सकता है।