लखनऊ। कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण चर्चा में बने गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) के जिलाधिकारी (डीएम) बीएन सिंह को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फटकार के बाद शासन ने उन्हें इस पद से हटा दिया है। आपदा घोषित की गई कोविड-19 महामारी के दौरान दायित्वों से मुंह मोड़ने और छुट्टी पर जाने के उनके अनुरोध को ठुकराते हुए शासन ने उन्हें राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया है। नियोजन विभाग में विशेष सचिव पद पर तैनात 2007 बैच के आईएएस अफसर सुहास लालिनाकेरे यथिराज (Suhas LY) को गौतम बुद्ध नगर का नया जिलाधिकारी बनाया गया है। साफ-सुथरी छवि के सुहास एल वाई पैरा-बैडमिंटन के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी हैं। बीएन सिंह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के भी आदेश दे दिये गए हैं।
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक सर्वाधिक 38 मामले नोएडा (गौतम बुुद्ध नगर) में सामने आए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के साथ बैठकों में इस पर चिंता जताई थी और प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को वहां कैंप करने का निर्देश दिया था। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद गौतम बुद्ध नगर पहुंचे और उन्होंने वहां कोरोना संक्रमण से निपटने के उपायों की समीक्षा की।
काम में ढिलाई बरतने और जिम्मेदारी निभाने की बजाय गेंद दूसरे के पाले में डालने पर उन्होंने जिलाधिकारी बीएन सिंह को फटकार लगाई। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद बीएन सिंह ने मुख्य सचिव आरके तिवारी को प्रार्थना पत्र भेजकर खुद को तीन महीने का उपार्जित अवकाश दिए जाने और जिलाधिकारी के पद पर किसी अन्य अधिकारी को तैनात करने का अनुरोध किया।
कोरोना वायरस संक्रमण को केंद्र और राज्य सरकारों ने आपदा घोषित किया है। आपदाकाल में जिलाधिकारी की ओर से छुट्टी मांगे जाने को शासन ने अति गंभीरता से लिया और उन्हें वहां से हटाकर राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक शासन उनके खिलाफ विभागीय जांच के निर्देश दे सकता है। बीएन सिंह की जगह गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी बनाए गए सुहास एलवाई साफ-सुथरी छवि के अफसर माने जाते हैं। बैडमिंटन के अच्छे खिलाड़ी सुहास पैरालिंपिक प्रतियोगिता में स्वर्ण व रजत पदक भी जीत चुके हैं। इससे पहले वह प्रयागराज और आजमगढ़ के जिलाधिकारी रह चुके हैं।
उप्र के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए जिलाधिकारी बीएन सिंह गौतमबुद्ध नगर में मानकों के अनुरूप व्यवस्था नहीं कर पाए। उन्होंने अपने दायित्व निर्वहन में लापरवाही बरती। साथ ही आपदा में अवकाश का प्रार्थना पत्र दिया। वह भी शासन से पहले मीडिया में सार्वजनिक कर दिया, जो कि गलत है। लिहाजा, उन्हें पद से हटा दिया गया है।