केंद्र सरकार ने सोमवार देर रात स्पष्ट कर दिया कि वित्त वर्ष की मियाद नहीं बढ़ाई गई है। दरअसल, पहले ऐसी खबर आई थी कि वित्त वर्ष 30 जून तक बढ़ा दिया गया है। वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘राजस्व विभाग ने संशोधित भारतीय स्टांप अधिनियम 1 अप्रैल के बजाय 1 जुलाई से लागू होने की अधिसूचना जारी की है। इसका वित्त वर्ष से कोई लेना-देना नहीं है।
वित्त मंत्रालय ने देर शाम जारी वक्तव्य में कहा कि सरकार ने कर चोरी को रोकने और स्टाम्प शुल्क लगाने की प्रणाली को तर्कसंगत और सुचारू बनाने के लिये वित्त विधेयक 2019 के जरिये भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 में संशोधन किया है। इन संशोधनों के जरिये यह प्रावधान किया गया है कि महाराष्ट्र में लागू की जारी रही स्टाम्प शुल्क दरों को एक मानक के तौर पर लिया जायेगा। इस संशोधन के जरिये शेयर बाजारों में होने वाली प्रतिभूति लेनदेन में स्टाम्प शुल्क लगाने की बेहतर व्यवस्था की गई है।