नई दिल्ली। देश में कोरोना से जंग में बड़े संकट के रूप में उभरे तब्लीगी जमात के खिलाफ सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। जमात में शामिल विदेशी सदस्यों को तलाश कर उन्हें तुरंत वापस भेजने का आदेश दिया गया है। साथ ही उसके किसी भी सदस्य को टूरिस्ट वीजा नहीं जारी करने का फैसला किया गया है। यह निर्णय दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल लोगों के बड़ी संख्या में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने और छह लोगों की मौत के बाद किया गया है। जमात में शामिल होने एक जनवरी से अब तक 2100 विदेशी सदस्य भारत आए और देश के विभिन्न हिस्सों में तब्लीगी गतिविधियों को अंजाम दिया।
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और पुलिस प्रमुखों को लिखे पत्र में कहा है कि वो तब्लीगी जमात के विदेशी सदस्यों को तत्काल ढूंढकर उन्हें क्वारंटाइन कराएं। जिन लोगों की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आती है उन्हें पहली फ्लाइट से वापस उनके देश भेजें। केंद्र के निर्देश के बाद राज्यों में तब्लीगी जमात के विदेशी सदस्यों की तलाश तेज हो गई है।
गृह मंत्रालय ने तब्लीगी जमात में शामिल होने आने वाले विदेशियों को अब टूरिस्ट वीजा नहीं जारी करने का फैसला भी किया है। मरकज में शामिल होने आए विदेशियों, जिसमें ज्यादातर धर्म उपदेशक हैं, उनके खिलाफ वीजा नियमों का उल्लंघन का केस भी चल सकता है। ये सभी टूरिस्ट वीजा लेकर भारत आए थे। जबकि धर्म का प्रचार करना वीजा नियमों का उल्लंघन है।
गृह मंत्रालय के मुताबिक तब्लीगी जमात में शामिल होने के लिए 70 देशों के सदस्य आए थे। इनमें बांग्लादेश के 493, इंडोनेशिया के 472, मलेशिया के 150 और थाइलैंड के 142 सदस्य शामिल हैं। भारत में इन्हें छह महीने तक रहना था।