नई दिल्ली। रोड़ एक्सिटेंड्स में फरार होने वाले वाहन चालकों की पहचान एवं फर्जीवाडे़ को रोकने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस से भी आधार का लिंक होना जरूरी है। इसके जरिए चालक की पूरी जानकारी आनलाइन उपलब्ध रहेगी। सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा आदेश के एक मसौदे के अनुसार पोर्टल के माध्यम से जो लोग संपर्क रहित सेवाओं का लाभ उठाने के इच्छुक हैं, उन्हें आधार प्रमाणीकरण से गुजरना होगा।
ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से लिंक करने के लिए राज्य परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जाना होगा। डीएल को आधार से लिंक कराने के अलावा परिवहन मंत्रालय ने कुछ और नियमों में भी सख्ती बरती है। जिसके तहत अब वाहने चालकों एचएसआरपी नंबर प्लेट लगाना भी अनिवार्य किया गया है। इस हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के जरिए गाड़ियों की चोरी और फर्जीवाड़े पर लगाम लगाई जा सकेगी। जिन वाहनों की नंबर प्लेट के आखिरी में 0 या 1 है उन पर 15 जुलाई 2021 तक इसे लगवाना जरूरी होगा। दोपहिया और कार-मालिकों को इसके लिए परिवहन विभाग की वेबसाइट विजिट करना होगा। दोनों को जोड़ने की प्रक्रिया अलग-अलग होती है। हालांकि, बुनियादी प्रक्रिया लगभग हर राज्य के लिए समान है।
जानिए आधार को ड्राइविंग लाइसेंस से जोड़ने का तरीका :-
स्टेप 1: राज्य सड़क परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जाएं।
स्टेप 2: अब ‘लिंक आधार’ विकल्प पर क्लिक करें।
स्टेप 3: ड्रॉप डाउन मेनू से “ड्राइविंग लाइसेंस” चुनें।
स्टेप 4: ड्राइविंग लाइसेंस नंबर दर्ज करें और ’डिटेल प्राप्त करें’ पर क्लिक करें।
स्टेप 5: 12 अंकों का आधार नंबर और मोबाइल नंबर डालें।
स्टेप 6: प्रक्रिया को पूरा करने के लिए Click सबमिट ’बटन पर क्लिक करें।
स्टेप 7: रजिस्टर्ड मोबाइल पर एक ओटीपी मिलेगा। OTP दर्ज करें।