भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक भाई दूज का पर्व आज यानी 29 अक्तूबर को मनाया जा रहा है। इस वर्ष सूर्योदय से सूर्यास्त तक बहनों को भाईदूज का टीका करने का अवसर मिलेगा। टीका करने से पूर्व महिलाओं ने समूह में बैठ कर रूई में बेसन लगा कर लंबी मालाएं बनाएंगी।
भाई दूज का शुभ मुहूर्त-
29 अक्टूबर, मंगलवार
टीका-प्रात: 06:26 से सायं 5:34 मिनट तक
मान्यता यह है कि रूई और बेसन की माला जितनी लंबी होगी, भाई की उम्र उतनी ही लंबी होगी। टोटका काटने के लिए बहनें भाइयों को श्राप देंगी और फिर अपनी जीभ पर भटकटइया के काटें चुभाएंगी। इस दौरान महिलाएं एक दूसरे को लोक कथाएं भी सुनाएंगी।
शास्त्रों में भाई दूज से जुड़ी कथा का वर्णन नारी सम्मान के रूप में किया गया है। परंपरा का निर्वाह करते हुए भाई को अपनी बहनों के घर जाना चाहिए। टीका की रस्म के बाद बहनों के हाथ का पका हुआ भोजन ग्रहण करना चाहिए। फिर अपनी सामर्थ्य के अनुसार द्रव्य, वस्त्र, मिष्ठान आदि भेंट कर बहनों *का आदर करना चाहिए। इसका निर्वहन आज भी लोग पूरे मनोयोग से करते आ रहे हैं।