रांची। झारखंड के ग्यारहवें मुख्यमंत्री के रूप में झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन शपथ लेंगे। उनके साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव भी शपथ लेंगे। अन्य नामों पर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है।
खरमास के बाद होगा मंत्रिमंडल का विस्तार
अनुमान है कि खरमास के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, जिसमें सभी नामों पर फैसला होगा। फिलहाल कांग्रेस से पांच, झामुमो से छह और राजद से एक विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल करने के फॉर्मूले पर सहमति है। झारखंड विकास मोर्चा के तीन विधायकों और अन्य निर्दलीय विधायकों का समर्थन इस सरकार को अलग से है।
मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन का दूसरा कार्यकाल
मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन का यह दूसरा कार्यकाल होगा। उनके अलावा बाबूलाल मरांडी, मधु कोड़ा और रघुवर दास भी एक-एक बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं, जबकि शिबू सोरेन और अर्जुन मुंडा ने तीन-तीन बार सत्ता की बागडोर संभाली है।
मंत्रिमंडल गठन को लेकर संशय बरकरार
फिलहाल मंत्रिमंडल को लेकर संशय बना हुआ है। कहा जा रहा है कि झामुमो से भी एक विधायक को मंत्री बनाए जाने की तैयारी है, लेकिन शनिवार देर रात तक नाम पर फैसला नहीं हो सका था।
मुझे सिर्फ अपनी जानकारी, दूसरों की नहीं- कांग्रेस अध्यक्ष उरांव
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने मंत्रिमंडल में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि उन्हें यह जानकारी नहीं है। फैसला आलाकमान को लेना है। यहां से अनुशंसा की बात भी नहीं है। उनका दो टूक जवाब था-प्रदेश प्रभारी ने फोन पर तैयार होने की सूचना दी और इसके अलावा मुझे कुछ पता नहीं।
देश भर से जुटेंगे विपक्षी नेता
शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पी चिदंबरम, प्रियंका गांधी, अहमद पटेल, शरद पवार के साथ बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, बसपा अध्यक्ष मायावती, डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, सीपीआइ नेता कन्हैया कुमार, सांसद टीआर बालू आदि शामिल होंगे।
भगवा की जगह हरा रंग
मोरहाबादी मैदान में पूर्व के सरकारी समारोह में दिखने वाला भगवा रंग इस बार नहीं दिखेगा। अब चलन में हरा रंग है और इसी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल शपथ ग्रहण समारोह स्थल पर हुआ है। मैदान की घेराबंदी में सफेद और हरे रंग के कपड़े का उपयोग किया गया है।