डेस्क। RBI ने रेपो रेट पर कई अहम फैसले किये, वहीं बैंकों से लोन की ईएमआई दे रहे लोगों को 3 महीने तक के राहत की सलाह दी है। यहां बता दें कि आरबीआई ने आदेश नहीं, सिर्फ सलाह दी है। कहने का मतलब ये है कि अब गेंद बैंकों के पाले में है। आसान भाषा में समझें तो बैंकों को अब तय करना है कि वो आम लोगों को ईएमआई पर छूट दे रहे हैं या नहीं।
– इसके साथ ही बैंक ही ये तय करेंगे कि वो कौन से लोन पर ईएमआई की छूट दे रहे हैं. मतलब ये कि रिटेल, कमर्शियल या अन्य तरह के लोन लेने वाले लोगों के लिए अब भी एक तरह का कन्फ्यूजन बना हुआ है।
– बहरहाल, आरबीआई की रेपो रेट कटौती का फैसला ऐतिहासिक है। यह कटौती आरबीआई इतिहास की सबसे बड़ी है। बता दें कि बीते दो मौद्रिक समीक्षा बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट को लेकर कोई फैसला नहीं लिया था।
-रेपो रेट कटौती का फायदा होम, कार या अन्य तरह के लोन सहित कई तरह के ईएमआई भरने वाले करोड़ों लोगों को मिलने की उम्मीद है। इसके साथ ही नए लोन लेने वाले ग्राहकों को भी फायदा मिलेगा। इसके साथ ही आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में भी 90 बेसिस प्वाइंट कटौती करते हुए 4 फीसदी कर दी है।
– हालांकि, आरबीआई ने जीडीपी ग्रोथ रेट और महंगाई रेट को लेकर आंकड़े नहीं जारी किए हैं ये पहली बार है जब आरबीआई ने आंकड़े पेश नहीं किए हैं।
-आरबीआई गवर्नर ने बताया कि कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती करके 3 प्रतिशत कर दिया गया है। यह एक साल तक की अवधि के लिए किया गया है।
-आरबीआई गवर्नर के मुताबिक सभी कमर्शियल बैंकों को ब्याज और कर्ज अदा करने में 3 महीने की छूट दी जा रही है। इस फैसले से 3.74 लाख करोड़ रुपये की नकदी सिस्टम में आएगी।
-आरबीआई गवर्नर ने इसके साथ ही लोगों से डिजिटल बैंकिंग की सलाह दी है। उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि बैंकिंग सिस्टम सुरक्षित और मजबूत है।