सावन महीने में भक्तों पर देवों के देव महादेव की खास कृपा बरसेगी। सोमवार से शुरू हो रहे सावन के महीने में पांच सोमवार के साथ ही 25 से ज्यादा शुभ योग निर्मित हो रहे हैं। 29 दिनों के सावन महीने की शुरुआत छह जुलाई से होगी और महीने के आखिरी दिन भी सोमवार ही रहेगा। आषाढ़ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा यानि गुरु पूर्णिमा के बाद श्रावण मास की शुरुआत छह जुलाई से होगी। पूर्णिमा को श्रवण नक्षत्र के योग हो जाने से इस मास को श्रावण मास कहा जाता है। इस मास में सभी तिथियां व्रत वाली हैं।
पुराणों में संपूर्ण श्रावण मास धर्मरूप कहा गया है। शुक्लपक्ष की नवमी तिथि के क्षय होने के कारण श्रावण मास 29 दिनों का होगा। ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश प्रसाद मिश्र का कहना है कि सावन महीने की शुरुआत उतराषाढ़ा नक्षत्र और वैधृति योग में होगी, लेकिन बृहस्पति का अपनी ही राशि धनु में होना शुभ है। इसके साथ ही चंद्रमा मकर राशि में रहेगा।
5 सोमवार सहित 25 से ज्यादा शुभ योग बनने से यह महीना और भी खास रहेगा। शुरुआत छह जुलाई और समापन तीन अगस्त को होगा। इस बार सावन महीने में 11 सर्वार्थसिद्धि, 3 अमृतसिद्धि और 12 दिन रवियोग रहेंगे। इन शुभ योगों में की गई भगवान शिव की पूजा से विशेष फल मिलता है।
ग्रंथों और कहावतों में है शुभ
पांच सोमवार का संयोग तीन साल पहले 2017 में बना था। ज्योतिष संहिता ग्रंथों में कहा गया है कि यदि चन्द्रज्ञेज्यशुक वासरा: पञ्चपञ्च वै । यस्मिन्मासे प्रजायन्ते तदाशासर्ववस्तुनाम्। अर्थात जिस महीने में पांच सोमवार पड़ते हों तो वह मास बहुत शुभदायक होता है। उसमें समस्त प्रजा की आशाओं की पूर्ति होती है।
महाकवि घाघ की भी कहावत इस विषय पर प्रसिद्ध है कि विज्ञ विधु गुरु असुरगुरु, पंच पंच जा मास। तो वह मास पवित्र है, सब वस्तुन की आस। श्रावण कृष्ण पक्ष की द्वादशी को रोहिणी नक्षत्र का संयोग प्राप्त हो रहा है, इस विषय में महर्षि डंक कहते हैं कि यदि श्रावण कृष्ण द्वादशी के दिन रोहिणी का संयोग हो तो वह संवत्सर उत्तम फलदायी माना जाता है।
व्यापार के लिए फलदायी
एकादशी के दिन सूर्य की संक्रांति कर्क राशि पर हो रही है। ज्योतिष संहिता ग्रंथों में कहा गया है कि गुरौ रवे: संक्रमण चेतदेयं मंदोदरी साच व्यापारे वणिजां सुखदा प्रजानां हर्षदा च हरिद्रा सुवर्णादि पीत वस्तुनास्तूयभिक्षदेति डंक प्रोवाच। अर्थात यदि गुरुवार के दिन सूर्य की संक्रांति हो तो उस संक्रांति का नाम महोदरी कहा जाता है। उस वर्ष व्यापार बहुत होता है। पीले रंग की वस्तुएं सस्ती होगी।
सावन की पहली तिथि का उदय सोमवार को
श्रावण कृष्ण पक्ष प्रतिपदा की शुरुआत पांच जुलाई रविवार को सुबह 9:38 से होगी, जो दूसरे दिन सोमवार को सुबह 8:55 तक रहेगी। सोमवार को प्रतिपदा उदयातिथि में होने के कारण सावन की शुरुआत सोमवार से ही मानी जाएगी। श्रावण महीने में सोमवार 6, 13, 20, 27 जुलाई व तीन अगस्त को हैं। 20 जुलाई को सोमवती व हरियाली अमावस्या है। 3 अगस्त को रक्षाबंधन है। व्रत, अनुष्ठान और त्योहार का है। पूरे मास सावन में पांच सोमवार पड़ेंगे। तीन सोमवार कृष्णपक्ष और दो शुक्लपक्ष में होंगे।