लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए लगातार प्रदेशभर में विभिन्न मुद्दों पर प्रदर्शन कर रही कांग्रेस के लिए आगरा की घटना जी का जंजाल बन गई। वहां वसूली के लिए जनहित के नाम पर प्रदर्शन की पोल खुलने से न सिर्फ कांग्रेस की जिला इकाई बेनकाब हुई, बल्कि टोरंट का झटका यूपी कांग्रेस तक लगा है। सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के लिए गंभीर सवाल खड़े किए हैं, जिनका नाम जिलाध्यक्ष द्वारा वायरल वीडियो में स्पष्ट लिया गया है।
आगरा में विद्युत वितरण का काम संभाल रही निजी कंपनी टोरंट पावर के खिलाफ कांग्रेस की स्थानीय इकाई लगातार प्रदर्शन कर रही थी। यह प्रदर्शन जनता के हित के नाम पर किए गए, लेकिन शनिवार को एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें जिलाध्यक्ष मनोज दीक्षित और जिला महासचिव शाहिद अहमद भविष्य में टोरंट के खिलाफ प्रदर्शन न करने के लिए सौदेबाजी कर रहे हैं। पहले पांच लाख और फिर तीन लाख रुपये प्रतिमाह रिश्वत पर बात तय होती है, जिसमें जिलाध्यक्ष द्वारा यह भी आश्वस्त किया जाता है कि प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू से भी इस बारे में बात कर ली जाएगी।
मीडिया में मामला सुर्खियों में आया तो पार्टी ने जिलाध्यक्ष और जिला महासचिव से इस्तीफा ले लिया। साथ ही प्रदेश अध्यक्ष ने जांच कराने की बात कही। मगर, मामला यहां शांत नहीं हुआ। जो कांग्रेस इतने दिन से सरकार को घेरने का प्रयास कर रही थी, उसने खुद सरकार और भाजपा को अपने खिलाफ एक बड़ा मुद्दा दे दिया है। भाजपा ने कहना शुरू कर दिया है कि आगरा तो एक उदाहरण है, हर जगह कांग्रेस के प्रदर्शनों के पीछे की यही कहानी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी ने संबंधित वीडियो ट्वीट करने के साथ ही कहा है कि कांग्रेस के लिए यह नया नहीं है। भ्रष्टाचार उस पार्टी की परंपरा है, जो ऊपर से नीचे तक आता है। इस मामले में जिलाध्यक्ष और जिला महासचिव सिर्फ मोहरा हैं, क्योंकि सौदेबाजी तो प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के नाम पर ही हुई है। अब वही जांच करा रहे हैं तो समझ सकते हैं कि वह तो बेदाग निकलेंगे ही। शलभमणि त्रिपाठी का कहना है कि यदि अजय कुमार लल्लू में जरा भी नैतिकता है तो अपने पद से इस्तीफा दें।