नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच अमेरिका और भारत की बीच दोस्ती की झलक देखने को मिल रही है। भारत ने जहां कोरोना संकट से जूझ रहे अमेरिका को एंटी मलेरिया दवा हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन देकर मदद की, वहीं कोरोना से मुकाबला करने के लिए अमेरिका ने भारत को करीब 200 वेंटिलेटर दान करने का ऐलान किया है। माना जा रहा है कि तीन सप्ताह के भीतर अमेरिका से ये 200 मोबाइल वेंटिलेटर भारत आ जाएंगे। एक वेंटिलेटर की कीमत करीब 10 लाख रुपए है। हिन्दुस्तान टाइम्स को यह जानकारी इस मामले से जुड़े अधिकारी ने दी।
सरकारी अधिकारी ने कहा कि ऐसे संकेत दिए गए हैं कि वेंटिलेटर की ये खेप इस महीने के अंत या फिर जून पहले सप्ताह तक भारत में आ जाएगी। एक वेंटिलेटर की कीमत करीब दस लाख रुपये ($ 13,000 यानी 9.6 लाख रुपये) आंकी गई है। इसमें ट्रांसपोर्टेशन की लागत शामिल नहीं है। कुल मिलाकर 200 वेंटिलेटर पर 2.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर (यानी करीब 20 करोड़) की कीमत आएगी। हालांकि, भाड़ा अलग से लगेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच नजदीकी साझेदारी का जिक्र किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र को अपना ‘अच्छा मित्र’ बताया। डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व का अनुभव हो रहा है कि अमेरिका भारत में हमारे मित्रों को वेंटिलेटर्स दान करेगा। हालांकि व्हाइट हाउस ने अभी यह नहीं बताया कि कितने वेंटिलेटर दान किए जाएंगे।’ उन्होंने कहा कि हम इस महामारी के दौरान भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़े हैं। हम वैक्सीन बनाने पर भी सहयोग कर रहे हैं। हम मिलकर अदृश्य दुश्मन को हरा देंगे।